उत्तर प्रदेश में 15 दिनों में बढ़ गए 15 लाख बेरोजगार, जांच के आदेश
यूपी विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार से समाजवादी पार्टी के सदस्यों द्वारा एक पखवाड़े के भीतर युवाओं की बेरोजगारी का आंकड़ा 15 लाख बढ़ने के खुलासे की सच्चाई की जांच करने का आदेश जारी कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने रोजगार कार्यालय की वेबसाइट का हवाला देते हुए सवाल उठाया था कि महज 15 दिनों में 15 लाख बेरोजगारों की संख्या कैसे बढ़ गई। सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच के आदेश दिए और सरकार से आंकड़ों की सही जानकारी सदन में पेश करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि सपा सदस्यों द्वारा विधान परिषद में सवाल उठाया गया था कि उत्तर प्रदेश में करीब 15 दिनों में 15 लाख बेरोजगार बढ़ गए हैं। इस पर सपा लगातार सवाल उठा रही है। सरकार ने दिए गए डेटा की जांच कराने का फैसला किया है। इस आशय का प्रस्ताव विधान परिषद में पारित किया गया है।
सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी लगातार कम हो रही है और वह सपा सदस्यों के दावों की सच्चाई सामने रखेगी। रोजगार निदेशालय की वेबसाइट कुछ और तथ्य पेश कर रही है, जिसका दावा सपा सदस्यों ने सदन में बेरोजगारी बढ़ने की जानकारी देते हुए किया है।
मामले पर श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि 13 फरवरी तक बेरोजगारी का आंकड़ा 27 लाख था जो और कम हो गया था क्योंकि कई लोगों को रोजगार मिला था। हालांकि, उन्होंने सदन को वेबसाइट की जांच करने का आश्वासन दिया जो सपा सदस्यों के अनुसार 13 फरवरी को 42 लाख बेरोजगार दिखा रहा है।