100 वर्ष से ज्यादा की आयु के वृक्षों को घोषित किया गया विरासत वृक्ष, अब इन्हें संवारेगी योगी सरकार

By  Shagun Kochhar July 20th 2023 01:21 PM

लखनऊ: योगी सरकार विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना के तहत सूबे के 948 विरासत वृक्षों को संवारेगी। 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजाति के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है। यह वृक्ष प्रदेश के सभी 75 जनपदों में हैं। योगी सरकार पेड़-पौधों के जरिए भी विरासत का सम्मान करने को प्रतिबद्ध है। वाराणसी में सर्वाधिक 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35 व उन्नाव में विभिन्न प्रजातियों के 34 विरासत वृक्ष हैं। योगी सरकार विलुप्त हो रही वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण व पौराणिक/ऐतिहासिक अवसरों,  महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं से जुड़े हुए वृक्षों को संरक्षित कर जन सामान्य में इसके प्रति जागरूकता पैदा कर रही है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा विरासत/ हेरिटेज वृक्षों के चयन व अभिलेखीकरण हेतु दिशा-निर्देश दिया गया है। 


सौ वर्ष से अधिक आयु की 28 प्रजातियों को घोषित किया गया विरासत वृक्ष 

उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने गैर वन क्षेत्र (सामुदायिक भूमि) पर अवस्थित सौ वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों को विरासत वृक्ष घोषित किया है। इनमें अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील. कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दू व तुमाल शामिल हैं। इसमें बरगद प्रजाति के 363 व पीपल प्रजाति के 422 वृक्ष हैं। 


आध्यात्मिक व स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष भी शामिल

विरासत वृक्ष में आध्यात्मिक व स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष शामिल किए गए हैं। योगी सरकार यूपी के सभी 75 जिलों में विरासत वृक्षों को खोजकर इन्हें संरक्षित करने को प्रतिबद्ध है। सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर,  काली मंदिर के समीप व गौशाला के अंदर बरगद व पाकड़ वृक्षों सहित पूरे जनपद में 19 वृक्ष विरासत वृक्ष घोषित किए गए हैं। वहीं लखनऊ व वाराणसी के क्रमश: दशहरी आम व लंगड़ा आम के मातृ वृक्ष,  फतेहपुर का बाचन इमली, मथुरा के इमलीतला मन्दिर परिसर का इमली वृक्ष, प्रतापगढ़ का करील वृक्ष, बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष, हापुड़ व संत कबीर नगर में अवस्थित पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अम्बेडकर नगर का पीपल वृक्ष एवं ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष शामिल है।


विशिष्ट विरासत वृक्षों की भी की गई पहचान

वहीं योगी सरकार में विशिष्ट विरासत वृक्षों में चीनी यात्री ह्वेनसांग द्वारा उल्लिखित झूंसी (प्रयागराज ) का एडनसोनिया वृक्ष, मथुरा के टेर कदंब मंदिर परिसर व निधि वन में अवस्थित पीलू वृक्ष, प्रयागराज के किले में अक्षयवट, उन्नाव जनपद में वाल्मीकि आश्रम, लव कुश जन्म स्थली व जानकी कुण्ड नाम से प्रसिद्ध स्थल पर अवस्थित बरगद वृक्ष एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए एन.बी.आर.आई लखनऊ व महामाया देवी मंदिर परिसर गाजियाबाद में अवस्थित बरगद वृक्ष शामिल हैं।


विरासत वृक्षों की सुरक्षा के लिए आमजन का सहयोग लेगी योगी सरकार

योगी सरकार विरासत के सम्मान के साथ विरासत वृक्षों की सुरक्षा के लिए आमजन का भी सहयोग लेगी। विरासत वृक्षों की सुरक्षा में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान प्राप्त करने, विरासत वृक्षों को जन संवेदना व जन भावना से जोड़कर वृक्षों के प्रति स्नेह, सद्भाव व अपनत्व की भावना विकसित करने एवं क्षेत्र में ईको पर्यटन को प्रोत्साहन देकर क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण, संवर्धन व जागरूकता व संवेदनशीलता विकसित करने का भी योगी सरकार प्रयास कर रही है। 


वाराणसी में हैं सर्वाधिक विरासत वाले वृक्ष 

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 948 विरासत वृक्ष हैं। इनमें सर्वाधिक विरासत वृक्ष वाराणसी में हैं। यहां कुल 99 विरासत वृक्ष हैं। वहीं प्रयागराज में कुल 53 विरासत वृक्ष हैं। हरदोई में यह संख्या 37, गाजीपुर में 35, उन्नाव में 34, रायबरेली में 32 और झांसी में 30 है। फिरोजाबाद में 29,लखीमपुर खीरी में 27, बरेली व बहराइच में 26-26, लखनऊ में 25 व जौनपुर में 24 विरासत वृक्ष हैं। इनमें पीपल प्रजाति के 422, बरगद के 363 व पाकड़ के 57 विरासत वृक्ष शामिल हैं।

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