काकोरी रेल एक्शन की 98वीं वर्षगांठ, सीएम ने किया 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान का किया शुभारंभ
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी रेल एक्शन की 98 वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को शिलाफलकम (शिलापट्ट) का अनावरण कर 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने महान क्रांतिकारियों, अमर शहीदों, भारत की सीमा की रक्षा करने वाले वीर जवानों और आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने वाले जवानों को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव ने हमें एक नये भारत का दर्शन कराया है। हमें ऐसा भारत बनाना है जिसमें किसी भी नागरिक के साथ जाति, मत और मजहब के आधार पर भेदभाव न हो। उन्होंने लोगों से संकल्पित होकर शहीद स्थलों पर सेल्फी लेने और उसे अपलोड करने का आह्वान करते हुए कहा कि तिरंगा हमारी आन और बान का प्रतीक है। इसके लिए प्रत्येक नागरिक अपने घर पर तिरंगा लहराएं।
'अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन न करने वाले राष्ट्र को दे रहे धोखा'
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या’ भारत और सनातन धर्म का संदेश है। यानी यह धरती हमारी मां है और हम उसके पुत्र हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से 13 से 15 अगस्त तक अपनी जगह पर खड़े होकर माटी का वंदन और वीरों का नमन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 की तिथि भारत के विभाजन की त्रासदी का दिन था। हम भारत का फिर से विभाजन नहीं होने देंगे। एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प हर नागरिक को लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वाहन करना चाहिए। शिक्षक को अध्यापन, छात्रों को अध्ययन, सामाजिक कार्यकर्ता को समाज के उत्थान और प्रशासनिक कार्य में लगे लोगों को अपने दायित्वों को ईमानदारी से निभाना होगा। जो भी लोग अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं वह राष्ट्र के साथ धोखा कर रहे हैं।
'भारत कर रहा दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त'
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही हम आजादी के उत्सव को न देख पाए हों लेकिन हम सौभाग्यशाली हैं कि आज जब भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है तब उस महोत्सव के हम सहभागी हैं, उससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस ब्रिटेन ने हम पर दो सौ वर्षों तक शासन किया उसको पछाड़कर हम दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के 20 बड़े देश जो जी-20 के रूप में जाने जाते हैं, जिनमें दुनिया की 65 प्रतिशत आबादी रहती है और जिसका दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी पर अधिकार है। उस जी-20 समूह की अध्यक्षता आज भारत कर रहा है। एक ऐसा भारत जो समृद्ध है और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आज का भारत दुनिया के अंदर मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
'सत्संकल्प से बड़ी से बड़ी ताकत पर विजय प्राप्त किया जा सकता है'
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 98 वर्ष से पहले यह समय हलचल का रहा होगा, क्या हुआ है कैसे हुआ, आगे क्या होगा, यह तमाम प्रश्न लोगों के मन में कौंध रहे होंगे। वहीं अब विदेशी हुकूमत बहुत दिनों तक गुलाम नहीं बना रख सकती है, यह जज्बे का भाव भी आया होगा। इसी जज्बे के साथ पंडित राम प्रसाद बिस्मिल सहित अन्य क्रांतिकारियों के साथ जुड़कर अभियान को आगे बढ़ाने का काम हुआ था। काकोरी ट्रेन एक्शन में क्रांतिकारियों को जो पैसा मिला वह था 4679 रुपया था। विदेशी हुकूमत ने इन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर फांसी पर लटकाने तक 10 लाख रुपये खर्च किया। अगर जज्बा हो, सत्संकल्प हो, लड़ने की इच्छा शक्ति हो तो बड़ी से बड़ी भौतिक ताकत को गिराया जा सकता है। इसी जज्बे ने उस समय के निरंकुश शासन को झुकने पर मजबूर किया था।
शिलाफलम के माध्यम से पंच प्रण से जुड़ेगा प्रदेश
अंतरराष्ट्रीय जनजाति दिवस पर बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारियों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक ऐतिहासिक घटनाओं के लिए आज का दिन भारत के इतिहास में स्मरण किया जाता है। भारत की आजादी में हमारे जनजातीय समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व की अनुभूति करता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से मेरी माटी, मेरा देश अभियान के साथ जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर निकाय शिलाफलकम के माध्यम से पंच प्रण के जुड़ेंगे।
कार्यक्रम में शामिल लोगों को दिलाई शपथ
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, सचिंद्र नाथ बख्शी, रामकृष्ण खत्री के परिजनों को सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने कारगिल शहीद केवलानंद द्विवेदी और सुनील जंग के परिजनों का भी सम्मान किया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पंच प्रण की शपथ दिलाई। इस दौरान लोगों ने अपने हाथ में मिट्टी और मिट्टी का दिया लेकर भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। इसके अलावा उन्होंने अमृत वाटिका में वृक्षारोपण किया और शहीदों की स्मृति में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।