सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी की पूजा के बाद मंदिर का गंगाजल से शुद्धीकरण, इधर सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी
ब्यूरो: Naseem Solanki: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन 9 सीटों में सीसामऊ की सीट भी शामिल है, जहां से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दीपावली के मौके पर वनखंडेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर शिवलिंग के पास दीप जलाया था। नसीम सोलंकी ने मंदिर में जलाभिषेक करते हुए भगवान शिव से जीत की प्रार्थना भी की थी। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
मंदिर ट्रस्ट ने किया गंगाजल से शुद्धीकरण
नसीम सोलंकी ने जिस मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, वहां मंदिर ट्रस्ट ने हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर शुद्धीकरण किया है। ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर पवित्र स्थल है और इसका उपयोग राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए। यह धार्मिक मर्यादा के खिलाफ है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि अगर किसी दूसरे धर्म के अनुयायियों को पूजा करनी थी तो पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।
नसीम के खिलाफ फतवा जारी
नसीम सोलंकी के मंदिर में पूजा करने के बाद मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। वहीं नसीम के खिलाफ फतवा जारी होने पर मंदिर पुजारी ने कहा कि अगर उनके धर्म वालों को इतनी दिक्कत है तो उन्हें पहले उनसे इजाजत लेकर आना चाहिए था।
आपको बता दें कि नसीम सोलंकी ने सोलंकी परिवार के समर्थकों और स्थानीय निवासियों के साथ मंदिर में पूजा की थी। नसीम सोलंकी ने इस कदम से हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की। सीसामऊ की सीट पर नसीम के पति इरफान सोलंकी विधायक थे। लेकिन एमपी-एमएलए कोर्ट ने 7 जून 2024 को एक मामले में सोलंकी को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल की सजा सुना दी, जिससे वह डिस्क्वालिफाई हो गए और उनकी विधायकी चली गई। इस सीट से इरफान सोलंकी लगातार 3 बार चुनाव जीत चुके हैं।