क्या मैनपुरी अखिलेश के लिए झांकी है और 2024 अभी बाक़ी है?
लखनऊ: मैनपुरी लोकसभा का उपचुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। शपथ ग्रहण के बाद अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी अखिलेश बोलते हुए नज़र आए। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव गठबंधन का हिस्सा रहेंगे या नहीं, इसपर भी उन्होंने मीडिया से बात की।
जब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक वारिस से ये पूछा गया कि क्या वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से सहमत हैं, जिसमें नीतीश ने पीएम मोदी का मुक़ाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक हो जाने का आह्वान किया था, इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इसी तरह बहुत से दल साथ आएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम लोग समय-समय पर देश के जो बड़े नेता हैं, जिसमें ममता बनर्जी हैं, केसीआर, नीतीश कुमार हैं सबकों एकजुट करने की कोशिश करते रहे हैं, 2024 के पहले कोई न कोई रास्ता निकलेगा, मुझे उम्मीद है ये जो बड़े-बड़े नेता प्रयास कर रहे है सफल होगा, हम आपस में बैठकर इसका हल निकालेंगे'। वहीं मैनपुरी उपचुनाव को लेकर अखिलेश ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष ने इस चुनाव को रोकने के लिए सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन कोई भी समाजवादी विचारधारा को डिगा नहीं सका।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपनी सरकार में इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि मैनपुरी के हर वर्ग ने भारी बहुमत देकर लगभग तीन लाख वोटों से हमें जिताया। गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा की यह चौथी सबसे बड़ी जीत है। इस सीट से सबसे ज़्यादा मतों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड सपा संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के नाम है। दरअसल वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने अपने नज़दीकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान को तीन लाख 64 हज़ार 666 मतों से पराजित किया था।
-PTC NEWS