यूपी में एम्स की तर्ज पर खुलेगा आखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, जाने इसके फायदे
उत्तर प्रदेश में जल्द ही AIIMS की तर्ज पर IIM की स्थापना किया जायेगा जो बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाएगा। IIM में शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल में के लिए उच्च सुविधा उपलब्ध होगा। आयुर्वेद के निदेशक डॉ पीसी सक्सेना ने कहा कि एआईआईए के लिए एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।
एक बार स्वीकृति मिलने के बाद एआईआईए की स्थापना के लिए भूमि की पहचान के साथ प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह उत्तर प्रदेश का पहला एआईआईए होगा।
समें एम्स और एसजीपीजीआई की तर्ज पर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार किए जाएंगे। आयुर्वेद के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध किए जा सकेंगे।
एआईआईए चिकित्सा की आयुर्वेद प्रणाली के तहत स्नातकोत्तर/डॉक्टरल और पोस्ट-डॉक्टोरल शिक्षण, अनुसंधान सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण रोगी देखभाल प्रदान करता है। औषधीय ज्ञान और वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली से जुड़ाव के अलावा, आंतरिक और बाह्य अनुसंधान भी एआईआईए में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
इस संस्थान के खुलने से आयुर्वेद विधा को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञता वाले कोर्स शुरू किए जा सकेंगे। मर्ज को दूर करने के लिए नई-नई दवाओं की खोज होगी। शोध के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आयुर्वेद से जुड़ी परियोजनाओं भी आ सकेंगी।
एआईआईए आयुर्वेद में एक शीर्ष संस्थान है और यह अनुसंधान और रोगी देखभाल के लिए चिकित्सा की अन्य शाखाओं के साथ सहयोग कर सकता है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 100 से अधिक आयुर्वेद कॉलेज हैं, जिनमें निजी क्षेत्र में 65 और गोरखपुर में एक आयुष विश्वविद्यालय शामिल है।