रामपुर उपचुनाव हारने पर बिफरे आसिम रज़ा, बोले- 'मेरी हार खाकी वर्दी वालों को मुबारक'
लखनऊ/रामपुर: भले ही उत्तर प्रदेश का मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और खतौली विधानसभा उपचुनाव मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के लिए ख़ुशी और उत्साह का सबब बने हुए हैं, लेकिन क़रीब चार दशक से सपा के आज़म ख़ान के गढ़ रहे रामपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने उसे पछाड़कर ऐतिहासिक जीत दर्ज हासिल कर ली है, जिसके मायने अलग-अलग तरह से निकाले जा रहे हैं। हालांकि रामपुर में समाजवादी पार्टी की शिकस्त के दूरगामी परिणाम क्या होंगे, इस बात पर क़यासबाज़ी या अटकल लगाना तो जल्दबाज़ी होगी, लेकिन हां, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस चुनाव में हार की वजह से ख़ासतौर पर आज़म ख़ान के परिवार की राजनीति के हाशिए पर जाने का ख़तरा मंडराने लगा है।
गौरतलब है कि गुरुवार सुबह मतगणना का पिटारा खुलने पर रामपुर में सपा उम्मीदवार ने दबदबा दिखाया, मगर दोपहर बाद यहां पासा पलटा और भाजपा ने रामपुर सदर क्षेत्र के सियासी फलक़ पर क़रीब 40 साल तक छाए रहे पूर्व मंत्री आज़म खां के वर्चस्व को तोड़ते हुए इस क्षेत्र से जीत हासिल कर ली।
रामपुर सदर विधानसभा चुनाव में अपनी पराजय से नाराज़ सपा उम्मीदवार ने अपनी हार के लिए प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा 'मेरी हार खाकी वर्दी वालों को मेरी हार मुबारक हो।'
आपको बता दें कि रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने अपने नज़दीकी प्रतिद्वंदी और आज़म ख़ान के बेहद क़रीबी माने जाने वाले सपा के आसिम रज़ा को 34 हज़ार 136 मतों से पराजित कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
याद रहे कि यह सीट आज़म ख़ान को नफ़रत भरे भाषण देने के मामले की वजह से खाली हुई थी। दरअसल तीन साल की सज़ा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द अदालत ने रद्द कर दी थी, यहां तक उनके वोट डालने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी।
रामपुर की हार पर अखिलेश ने कही ये बात:
रामपुर में सपा की हार पर दुख जताते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "मुझे दुख है इस बात का कि रामपुर में प्रशासन ने पहले तो वोट नहीं डालने दिया, फिर नाइंसाफ़ी भी की, अगर रामपुर में निष्पक्ष चुनाव होता तो वहां अब तक की सबसे बड़ी जीत होती।"
-PTC NEWS