प्रयागराज: बेटे को आखिरी बार नहीं देख पाए अतीक और शाइस्ता, सुपुर्द-ए-खाक हुआ असद
ब्यूरो: अतीक के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. असद का शव प्रयागराज के कसारी और मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया. वहीं शूटर गुलाम का शव मेहंदौरी के कब्रिस्तान में दफन किया गया. असद का पिता अतीक अहमद और फरार चल रही मां शाइस्ता जनाजे में शामिल नहीं हुए.
जनाजे में शामिल हुए 25 से 30 लोग
जानकारी के मुताबिक, असद अहमद के शव को प्रयागराज लाने के पहले अतीक अहमद के घर के आसपास कड़ी सुरक्षा के प्रबंध किये गए. जनाजे में अतीक के परिवार के महज 20 से 25 लोग शामिल हुए थे. असद को प्रयागराज के कसारी और मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया. इस दौरान असद के नाना हामिद अली वहां मौजूद रहे. दोनों शवों को लेकर के लिए उनके परिजन शुक्रवार की शाम झांसी पहुंचे थे.
प्रयागराज एसपी क्राइम सतीश चंद ने बताया कि असद को दफना दिया गया है. पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से हुई है. हमारी टीम उसके घर पर तैनात है. इसके अलावा मोहल्ले और कब्रिस्तान में भी जवानों की तैनाती की गई है.
असद के रिश्तेदारों को दी गई अनुमति
कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद के जान पहचान वालों को ही आने की अनुमति दी गई. सुबह करीब 9 बजे असद का शव एंबुलेंस से कब्रिस्तान लाया गया. शव के साथ असद के फूफा मौजूद रहे. इस दौरान कब्रिस्तान के चारों तरफ बड़ी संख्या में फोर्स मौजूद रही. बता दें इसी कब्रिस्तान में असद के दादा और दादी की भी कब्र मौजूद है.
वहीं गुलाम के शव को मेहंदौरी के कब्रिस्तान में दफन किया गया. गुलाम का शव उसका साला नूर आलम झांसी के लाने गया था. गुलाम के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उसके पिता और उसकी पत्नी कब्रिस्तान पहुंचे. इसके अलावा भाई और बाकी रिश्तेदारों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.
'असद के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अपील बेकार गई'
असद अहमद का अंतिम संस्कार करने के लिए अतीक अहमद और अशरफ अहमद को लाने की अदालती अपील पर बोलते हुए अतीक के वकील विकास मिश्रा ने कहा कि अपील निष्प्रभावी निकली क्योंकि अदालत में पेश होने से पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया था. उन्होंने बताया क्योंकि असद अहमद का अंतिम संस्कार अदालत में पेश होने से पहले किया गया था, इसलिए अपील निरर्थक रही. अपील असद अहमद के अंतिम संस्कार में अतीक अहमद और अशरफ अहमद को अनुमति देने की थी.