बीएसपी की बैठक: आकाश आनंद के पर कतरे गए!

By  Md Saif March 2nd 2025 05:37 PM -- Updated: March 2nd 2025 05:39 PM

ब्यूरो: Lucknow:  सियासी फलक पर हाशिए पर जा पहुंची बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने रविवार को पार्टी की अहम बैठक बुलाई। देश भर के बीएसपी पदाधिकारियों को लखनऊ तलब करके पार्टी संगठन को मजबूती देने और जनाधार बढ़ाने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। इस बैठक के बाद बीएसपी सुप्रीमो ने दूसरी बार अपने भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया बल्कि उत्तराधिकारी होने के पूर्व फैसले को भी वापस लेते हुए ऐलान कर दिया कि उनके जीते जी अब पार्टी में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाएगा।

    

बीएसपी की एक महीने के  भीतर तीसरी बार राष्ट्रीय स्तर की बैठक हुई

गौरतलब है कि यूपी में दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव जहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए साख की लड़ाई होंगे वहीं बीएसपी के लिए अस्तित्व कायम रहने का इम्तेहान साबित होंगे। करो या मरो सरीखे मोड़ पर खड़ी बीएसपी इन विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन में बदलाव करने की जबरदस्त मुहिम छेड़ चुकी है। इसी कड़ी में रविवार को देश के सभी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में आयोजित की गई। बीते एक महीने के भीतर राष्ट्रीय स्तर की बीएसपी की इस तीसरी बैठक की ओर सबकी निगाहें लगी हुई थीं। बैठक में बीएसपी सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाए जाने की जानकारी दी, बताया कि उनके भाई आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौमत को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।

   

न सिर्फ पार्टी पदाधिकारी के पद से बल्कि उत्तराधिकारी के तौर पर भी आकाश आनंद का नाम खारिज हो गया


बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने चौंकाने वाला फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाया जा रहा है। जहां भतीजे का कद घटा दिया गया वहीं, भाई की जिम्मेदारियों में इजाफा कर दिया। मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। दोनों को पार्टी का राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बना दिया गया है। इस दौरान मायावती ने ये भी फैसला लिया कि अब उनके जीते जी व आखिरी सांस तक भी पार्टी में कोई भी उनका उत्तराधिकारी नहीं होगा। मायावती ने कहा कि उनके इस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आनन्द कुमार के बारे में मैं यह भी अवगत कराना चाहती हूं कि वर्तमान में बदले हुए हालात में, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब इन्होंने अपने बच्चो का रिश्ता भी गैर-राजनैतिक परिवार के साथ ही जोड़ने का फैसला लिया है ताकि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे कभी भी अपनी पार्टी को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान आदि ना हो सके।

   

आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को लेकर मायावती ने तल्खी जताई

गौरतलब है कि बीते दिनों बीएसपी सुप्रीमो ने दक्षिणी राज्यों के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। कभी मायावती के बेहद विश्वस्त माने जाने वाले अशोक सिद्धार्थ आकाश आनंद के ससुर हैं। क्योंकि उनकी बेटी प्रज्ञा से ही मायावती के भतीजे आकाश आनंद का विवाह हुआ है। मायावती ने रविवार को तल्ख लहजे में कहा कि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी से निकाल कर बाहर किया है,  जिसने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का घिनौना कार्य किया है, जो कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सब उनकी लड़के की शादी में भी देखने के लिए मिला है। उन्होंने ये भी जोड़ा कि जहां तक इस मामले में आकाश आनन्द का सवाल है तो सबको यह मालूम है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है। अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है तथा आकाश पर भी उसकी लड़की का कितना प्रभाव पड़ता है तो यह सब भी अब हमें काफी गम्भीरता से देखना होगा जो अभी तक कतई भी पॉजिटिव नहीं लग रहा है। अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आकाश आनन्द के पोलिटिकल कैरियर को भी खराब कर दिया है।

   

पार्टी के प्रति अपने समर्पण को दोहराते हुए मायावती ने विरोधी दलों को जमकर कोसा

पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के बाद मायावती ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए ये भी बताया कि उन्होंने पार्टी के लोगों को यह भी विश्वास दिलाया है कि जब तक वह  जिन्दा रहेंगी तब तक अपनी आखिरी सांस तक भी अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी को आगे बढ़ाने का हर सम्भव प्रयास करती रहेंगी। उन्होंने समीक्षा के दौरान जो कमियों उजागह हुईं उनको दूर करने व पार्टी के भविष्य के कार्यक्रमों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। मायावती ने बीजेपी और समाजवादी पर भी निशाना साधा, दोनो को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव बीएसपी द्वारा नहीं लड़ने के फैसले के बाद भी सपा की हार का जिक्र करते हुए सवाल किया कि अब इसके लिए सपा किसको ज़िम्मेदार ठहराएगी क्योंकि पिछले उपचनुाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बसपा को जिम्मेदार ठहराने का मिथ्या प्रचार किया था। बीएसपी मुखिया ने कहा कि बीजेपी व अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अम्बेडकरवादी नीति व सिद्धान्त वाली बसपा ही पराजित कर सकती है, यह बात पूरे देश के सर्वसमाज के लोगों को जरूर समझना चाहिए।

  

चुनाव दर चुनाव कमजोर होती जा रही बीएसपी संगठन स्तर पर भी बदलाव कर रही है

साल 2007 में यूपी विधानसभा में अपने बूते बहुमत पाकर सत्ता संभालने वाली बीएसपी बीते एक दशक से पराभव की ओर है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी फिर से दस वर्ष पुराने रिकॉर्ड की ओर पहुंच गई जब उसका खाता तक नहीं खुल सका था। इस समय यूपी विधानसभा में पार्टी के पास मात्र एक विधायक है जबकि विधानपरिषद में बीएसपी अपनी नुमाइंदगी गंवा चुकी है। हरियाणा-महाराष्ट्र के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही बीएसपी संगठन स्तर पर बदलाव में जुटी है। बीएसपी में पहली बार मंडल से लेकर जिले स्तर तक के 1028 प्रभारी बनाए हैं। 18 मंडलों में से प्रत्येक में चार-चार, 75 जिलों में से हर एक में दो-दो और 403 विधानसभा क्षेत्रों में भी दो-दो प्रभारी बनाए गए हैं। संगठन के मंडल इंचार्ज व जिला अध्यक्ष के साथ रहते हुए प्रभारी बीएसपी को मजबूती देने में जुटाए गए हैं। पदाधिकारियों में भी फेरबदल किया गया है। नौशाद अली को मुरादाबाद मंडल से गोरखपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है, मुनकाद अली को गोरखपुर से मुरादाबाद भेजा गया है। इसी तरह अन्य पदाधिकारियों को एक मंडल से दूसरे में भेजा गया है। अब लगातार जारी कवायद के बाद बीएसपी का चुनावी ग्राफ कितना उठ सकेगा ये बड़ा सवाल बन चुका है।

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