CM योगी का बयान, बोले- अभाव और अपमान में भी बाबा साहब ने बनाया रास्ता
ब्यूरो: UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंबेडकर सम्मान अभियान के तहत आयोजित संगोष्ठी में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर चर्चा की। सीएम योगी ने कहा कि बाबा साहब ने अभाव और अपमान में भी रास्ता बनाया, समाज की पुरानी बंधनों को तोड़कर देश को सम्मान और समानता दिलाई। उन्होंने कहा कि जो समाज महापुरुषों का सम्मान नहीं करता, वह समाज विमुख हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया कि भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहब के योगदान के कारण ही अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को समान मताधिकार प्राप्त हुआ, जिससे लोकतंत्र में सभी को समान दर्जा मिला। उन्होंने दावा किया कि हालांकि बाबा साहब ने संविधान का मसौदा तैयार करने में लगन से काम किया, लेकिन पंडित नेहरू समेत अन्य नेताओं ने संविधान सभा में उनकी नियुक्ति का विरोध किया। हालांकि, जनता की भागीदारी और समर्पण के परिणामस्वरूप बाबा साहब संविधान सभा के लिए चुने गए और बाद में प्रारूप समिति के अध्यक्ष का पद संभाला।
सीएम योगी ने क्या कहा?
उन्होंने दावा किया कि देश को सबसे बड़े लोकतंत्र का दर्जा काफी हद तक बाबा साहब की योग्यता और विद्वता की वजह से मिला है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि जब कांग्रेस ने बार-बार संशोधन करना शुरू किया तो बाबा साहब को रोकने की साजिश रची गई। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस और सपा समाज में जाति आधारित विभाजन के बीज बोने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि ये समूह जाति संघर्ष का इस्तेमाल समाज को विभाजित करने की कोशिश के लिए करते हैं।
सीएम योगी ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने बाबा साहब के विचारों को अपनाया है, लेकिन उनके नाम पर कई लोग लोकलुभावन नारे और भाषण देने आएंगे।" इस बात पर मुख्यमंत्री का समर्थन सेमिनार में शामिल सांसद रवि किशन, मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव और पूर्व कुलपति प्रो. चंद्रशेखर समेत कई गणमान्य लोगों ने किया।
विपक्ष पर जोरदार हमला
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बाबा साहब समाज में हाशिए पर पड़े समूहों को शामिल करने, एससी/एसटी छात्रवृत्तियों को 100% देने और नौकरियों में आरक्षण के निर्माण के लिए जिम्मेदार थे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब को 1952 का चुनाव जीतने से रोकने का प्रयास किया। उन्होंने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया और संसद में उनकी उपस्थिति पर भी आपत्ति जताई।
अपने भाषण में, सीएम योगी ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस और सपा केवल चुनावी बढ़त हासिल करने के लिए जाति का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोगों से नस्लीय और जातिगत आधार पर समाज को विभाजित करने के बजाय "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक न्याय, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति मुख्यमंत्री का समर्पण इस बयान में झलकता है।