कोडीन कफ सिरप मुद्दे पर सीएम योगी की दो टूक, आरोपियों को बख्शेंगे नहीं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कोडीन कफ सिरप प्रकरण में अभियुक्तों के तार समाजवादी पार्टी से जुड़े होने का सबूत पेश किया। उन्होंने सदन में बोलते हुए कहा कि प्रकरण का किंग पिन आलोक सिपाही पक्का सपाई है। उन्होंने फोटो दिखाते हुए कहा कि एक और आरोपी अमित यादव तस्वीर में आखिलेश यादव के साथ दिख रहा है। अमित यादव समाजवादी पार्टी के युवजन सभा से जुड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभोर राणा का लाइसेंस समाजवादी सरकार में जारी हुआ था और सपा से जुड़े आलोक सिपाही को हमारी सरकार ने बर्खास्त किया था। कोडीन कफ सिरप प्रकरण में पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर कार्रवाई की जा रही है। दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा। ।
'समाजवादी पार्टी से जुड़े कोडीन कफ प्रकरण के अभियुक्तों के तार'
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुआ कहा कि हमारी सरकार कफ सिरप मामले से जुड़े आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके और समाजवादी पार्टी की पोल पट्टी खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि माफिया से संबंध किसके हैं। यूपी पुलिस की कार्रवाई में पता चला कि कोडीन कफ सिरप मामले के किंग पिन शुभम जायसवाल का समाजवादी पार्टी से संबंध रहा है। शुभम जयसवाल और अमित यादव व्यापारिक साझेदार हैं। इसका संबंध समाजवादी युवा जनसभा से भी रहा है।
'कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन मामले में सपा के लोग सीधे संलिप्त'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अमित और मिलिंद यादव के खाते से शैली ट्रेडर्स के खाते में गलत तरीके से ट्रांजेक्शन भी हुआ है। कफ सिरप के डायवर्जन में समाजवादी पार्टी के लोग शामिल हैं। हमारे पास सबूत है कि मनोज यादव राजीव यादव और मुकेश यादव कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में शामिल हैं। अमित यादव ने 2024 में दुबई की यात्रा भी की है। उन्होंने विपक्ष के हंगामें का जवाब देते हुए कहा कि जब समाजवादी पार्टी से जुड़े आरोपियों पर कार्रवाई होगी तो सपा के लोग ही सबसे पहले फतिहा पढ़ने जाएंगे। समाजवादी पार्टी जानती है कि हम लोग अभियुक्तों के खिलाफ कितनी कड़ाई से कार्रवाई करते हैं।
कोडीन कफ सिरप मामले में हो चुकी हैं 77 से ज्यादा गिरफ्तारियां- सीएम
इससे पहले आज विधान सभा में विपक्ष के विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बताना चाहूंगा कि जिस कोडीन युक्त सिरप की बात उठाई जा रही है उसका उत्तर प्रदेश में न तो प्रोडक्शन होता है और न ही इसके उपयोग को लेकर प्रदेश में कोई भी मौत हुई है। ये पूरा मामला दवा के ईलीगल डायवर्जन, ट्रेडिंग और स्टोरेज को लेकर है। उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ और एफसडीए विभाग की ओर से इस प्रकरण को लेकर कड़ी कार्यवाही कर रही है। उन्होंने बताया कि हालांकि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्युरों ने स्पष्ट किया है कि देश के अन्य राज्यों में जिस कफ सिरप के उपयोग से मौते हुई हैं, उसका प्रोडक्शन तमिलनाडू में होता है। लेकिन इसके बाद भी उत्तर प्रदेश में एफएसडीए विभाग ने 1000 से अधिक कफ सिरप के नमूनों की जांच की है। मुख्यमंत्री ने विस्तार में जवाब देते हुए प्रकरण के मुख्य अभियुक्तों का नाम भी सदन के पटल पर रखे।