लखनऊ: राजभवन के सामने सड़क पर हुआ प्रसव, बच्चे की मौत, डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
लखनऊ/जय कृष्ण: उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं, वजह है राज भवन के सामने एक महिला की प्रीमेच्योर डिलीवरी.
दरअसल, राजधानी के सबसे पॉश इलाके राजभवन के गेट नंबर 13 के सामने एक रिक्शा में सवार महिला प्रसव पीड़ा के कारण अचानक चीखने लगी। एंबुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला का राजभवन के गेट पर ही प्रसव कराया गया। सड़क पर गुजर रहे राहगीरों ने महिला का प्रसव कराया। हालांकि इस दौरान जन्मे बच्चे को मौत हो गई। आधे घंटे बाद जब एंबुलेंस मौके पर पहुंची तो जच्चा बच्चा को झलकारी बाई हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने जन्मे बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
रविवार को राजधानी के मॉल एवेन्यू की रहने वाली गर्भवती महिला रूपा को रिक्शे से अस्पताल ले जाया जा रहा था। इसी दौरान उसका दर्द बढ़ते देख उसके परिजनों ने सड़क से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी और राजभवन के गेट नंबर 15 के सामने ही महिला का प्रसव कराया गया। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, करीब एक घंटे देर से पहुंची एंबुलेंस जच्चा बच्चा को लेकर झलकारी बाई हॉस्पिटल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे की मौत हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। हालांकि महिला का इलाज चल रहा है। परिजनों का आरोप है कि, एंबुलेंस के लिए सूचना दी गई थी, लेकिन वह समय से नहीं आई , जिस कारण महिला को रिक्शे से ही अस्पताल ले जाया जा रहा था। इतना ही नहीं सड़क पर प्रसव होने के आधे घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची।
पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को जानकारी मिलते ही वह अपनी पत्नी नम्रता पाठक के साथ झलकारी अस्पताल पहुंचे। जहां महिला और उसके पति से मुलाकात की। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने पीड़िता के पति और मृत नवजात को अपनी गाड़ी में बैठा कर बैकुंठ धाम ले गए। पाठक ने परिजनों को हर मदद करने भरोसा दिलाया। वहीं महिला का पति भी ब्रजेश पाठक के सामने फफक फफक कर रोने लगा था।
लापरवाही हुई है तो सख्त कार्रवाई होगी: डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम पाठक ने कहा कि, महिला के पेट में दर्द हुआ था तो उसका पति अपनी पत्नी को लेकर सिविल अस्पताल लेकर आए थे जहां इंजेक्शन लगवा कर वापस घर गए थे लेकिन उसके बाद फिर दर्द हुआ तो यह झलकारी अस्पताल आ रहे थे। महिला पांच माह की गर्भवती थी, अभी उसका प्रसव नहीं होना था। हालांकि जब वह झलकारी अस्पताल रिक्शे से आ रहे थे तभी दर्द हुआ और उसका सड़क पर ही प्रसव करा दिया गया, जिससे बच्चे को नही बचाया जा सका। ब्रजेश पाठक ने कहा कि एंबुलेंस देर से पहुंचने की बात सामने आई है, प्रमुख सचिव को इसकी जांच सौंपी गई है, रिपोर्ट में यदि किसी की भी लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने मामले पर ट्वीट करते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं। शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट किया कि सूबे के स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों वह दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एंबुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राजभवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो जाए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मुद्दे को लेकर मौजूदा सरकार की सेवाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। मुख्यमंत्री आवास के क्षेत्र में महिला को जब इलाज नहीं मिल पाया। 4 दिन से एडमिट होने का प्रयास कर रही थी। मजबूरन सड़क पर निकल रहे लोगों ने प्रसव कराया। इससे शर्मनाक क्या होगा, लेकिन सरकार के लोग इसी में बैठकर झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं, कि सब ठीक है। पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है। सरकार सिर्फ झूठ पर झूठ बोले जा रही है। हकीकत यह है, कि प्रदेश में कहीं डॉक्टर नहीं, कहीं पैरामेडिकल स्टाफ नहीं, दवा नहीं, मशीनें ठीक नहीं, लेकिन प्रचार में सब ठीक का दावा किया जा रहा, जनता सब देख रही है। इसका हिसाब किताब बीजेपी को 2024 में हरा कर करेगी।