कुशीनगर में मृतक को मिला मनरेगा में काम, मस्टररोल भरे जाने के साथ साथ लग रही हाजिरी
कुशीनगर: बेरोजगारी को लेकर अकसर सरकारों को कोसा जाता है, लेकिन कुशीनगर से एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे. दरअसल, यहां मृतकों को भी काम मिल रहा है.
मृतक को मिला मनरेगा में काम
जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर लगभग 9 महीने पहले मरे हुए व्यक्ति को भी मनरेगा में काम मिला है. इसका बकायदा मस्टररोल भरा हुआ है और भुगतान के लिए बिल भी प्रस्तुत किया गया है. यही नहीं दो हफ्ते के काम में 7 दिन की हाजिरी भरी गई है. जिसका बिल भी प्रस्तुत किया गया है. शंभू सिंह का जॉब कार्ड नंबर 159 है. जिस मनरेगा के काम को चेक करने के लिए ग्राम सेवक, सचिव और अन्य कई कर्मचारी लगे होते हैं वहां जीवित को कौन कहे मृतक को भी काम मिल जाता है. सरकार तो रोजगार की गारंटी योजना में जीवित लोगों को काम की गारंटी देती है, लेकिन कुशीनगर में ब्लॉक के कर्मचारियों ने सरकार की मंशा से कई आगे जा कर मृतक को भी काम दे दिया.
बकायदा रजिस्टर में लग रही हाजिरी!
ये मामला मोतिचक ब्लॉक के गौनरिया ग्राम सभा से सामने आया है. गांव के ही मार्कण्डेय सिंह ने मनरेगा में लूट खसोट का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि 9 महीना पहले मरे हुए व्यक्ति का फर्जी तरीके से मस्टररोल भर कर काम दिखाया जा रहा है. इन्होंने इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री सहित जिले के आला अधिकारियों से भी किया है. मार्कण्डेय सिंह के मुताबिक, मृतक शंभू सिंह का मस्टरोल मिट्टी का एक काम 'नहर से लाल चंद की कुटी होते हुए कन्हैया के खेत तक' में भरा गया है और हैरानी की बात ये है कि मृतक की हाजिरी भी लगाई जा रही है.
ऐसे मामले सीधे तौर पर दफ्तरों में खेले जा रहे भ्रष्टाचार के बड़े खेल की ओर इशारा करते हैं. फिलहाल ये जांच के बाद ही पता चलेगा कि इसमें किस किस की मिली भगत है.