जालौन: एंबुलेंस न मिलने पर मरीज को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा परिवार, डॉक्टर ने ठेले पर ही किया पूरा इलाज, वीडियो वायरल
जालौन: बीमार लोगों को स्वस्थ करने का जिम्मा जिन संस्थानों पर होता है अगर उनकी व्यवस्थाएं ही बीमार हो जाए तो सोचिए क्या होगा. जालौन से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एंबुसेंल के न पहुंचने पर परिवार मरीज को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा. जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे और ये घटना स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल भी खड़े कर रही है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की पोल खुलती जा रही है, साथ ही एक कॉल पर 10 से 15 मिनिट में एंबुलेंस पहुंचाने की बात भी झूठी साबित हो रही ही, जिसकी हकीकत जालौन से सामने आई है. यहां गंभीर रूप से घायल एक युवक को इलाज के लिए परिजनों ने एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस न आने पर परिजनों को मजबूरी में चार पहिये के ठेले पर घायल को अस्पताल लाना पड़ा. इतना ही नहीं अस्पताल में घायल को इलाज के लिए स्ट्रेचर देना भी अस्पताल प्रशासन ने मुनासिब नहीं समझा और डॉक्टर्स ने उसका इलाज भी इमरजेंसी वार्ड में ठेले पर ही किया. जिसका वीडियो सामने आया है.
वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. जिसका संज्ञान लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले की जांच की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे है. बता दें, ये मामला उरई कोतवाली के राजेंद्र नगर का है. यहां पारिवारिक कलह के कारण मंगलवार देर रात को एक युवक रवि ने अपनी गर्दन काट ली, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे घायल देख परिजनों ने 108 पर कॉल लगाकर एंबुलेंस बुलाई, लेकिन 15 से 20 मिनट में एंबुलेंस पहुंचने की बात करने वाली एंबुलेंस जिला अस्पताल से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित राजेंद्र नगर में 30 मिनट से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी नहीं पहुंची, जिस पर हालत बिगड़ती देख परिजन उसे चार पहिए के ठेले से लेकर उरई जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंचे.
डॉक्टर ने ठेले पर ही कर दिया इलाज?
वहीं हद तो तब हो गई जब मौजूद डॉक्टर ने ठेले पर देखते हुए भी मरीज को स्ट्रेचर देना भी मुनासिब नहीं समझा और जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ही ठेले पर उसको लिटाकर इलाज करते रहे. जहां उसकी हालत नाजुक होने पर प्रथम उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज झांसी के लिए रेफर कर दिया. वहीं इस घटना का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है.
'मामले की जांच की बात कह रहे अधिकारी'
ठेले पर इलाज के बारे में जब घायल की मां पिंकी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एंबुलेंस को कई बार फोन किया और एंबुलेंस के कर्मियों ने कहा कि वो जल्द एंबुलेंस लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन 30 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जिसके बाद हालत नाजुक देखते हुए उसे तत्काल इलाज के लिए रात में ठेले पर लाना पड़ा.
इस मामले में जालौन के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह से बात की तो उनका कहना है कि वीडियो का संज्ञान लिया जा रहा है. साथ ही घायल के परिजन द्वारा किस नंबर से एंबुलेंस को फोन किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि वहीं जिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर भी उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्ट्रेचर मौजूद रहता है, लेकिन किन परिस्थितियों में ठेले पर इलाज किया गया, इसकी भी जांच कर रहे हैं.