उड़ीसा CRPF में तैनात एटा का लाल हुआ शहीद, परिवार वालों ने अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप
एटा: उड़ीसा में सीआरपीएफ में तैनात एटा के लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नगला कलुआ पहुंचा. शव को देखते ही परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
उड़ीसा में सीआरपीएफ में तैनात एटा के लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नगला कलुआ पहुंचा. शव को देखते ही परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं उनका बड़ा भाई शैलेंद्र अपने भाई की मौत को संदिग्ध बता रहा है. उनके भाई शैलेंद्र सिंह ने अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना करने के आरोप लगाए हैं. भाई ने जवान की मौत का जिम्मेदार अधिकारियों को ठहराते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. वहीं अब परिवार कार्रवाई की कर रहा है. यही नहीं परिजन पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं. परिवार ने जवान को शहीद का दर्जा और पत्नी को नौकरी देने की भी मांग की है.
क्या कहते हैं अधिकारी?
वहीं उड़ीसा में सीआरपीएफ में तैनात जवान अमरपाल की मौत को सीआरपीएफ के अधिकारी सुसाइड बता रहे हैं. वहीं उनकी मौत को लेकर परिजनों ने संदिग्ध मौत के गंभीर आरोप लगाए हैं.
परिवार ने शव को लेने से किया इनकार
वहीं परिवार ने सीआरपीएफ में तैनात अमरपाल के शव को लेने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि जब तक भाई की मौत का कारण स्पष्ट नहीं होगा तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. परिवार लगातार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.
ये है मामला...
बता दें, गांव नगला कलुआ के रहने वाले 29 वर्षीय शहीद अमरपाल सिंह पुत्र ओमबाबू 202 बटालियन कोबरा बाहिनी सीआरपीएफ सोना बेड़ा कोरापुट उड़ीसा में तैनात थे. पिछले डेढ़ साल पहले शहीद अमरपाल की शादी कल्पना से हुई थी और दोनों का अब एक 3 महीने का बेटा है. वो पिछले 3 महीने पहले छुट्टी पर आए थे, तब घर वालों से अधिकारियों द्वारा प्रताड़ना की बात कही थी. शहीद अमरपाल अपने पीछे माता-पिता और दो भाई, पत्नी सहित एक 3 महीने का मासूम बेटे को अकेला छोड़कर अब इस दुनिया में नहीं रहे.