गंगा का पानी बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोगों के लिए बना जानलेवा, 6 लोगों की डूबने से मौत

By  Shagun Kochhar July 25th 2023 12:15 PM

फर्रुखाबाद: जिले में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गए हैं. वहीं बाढ़ अपने साथ जो तबाही लाई है वो अब लोगों के लिए घातक साबित होने लगी है. बाढ़ के कारण फर्रुखाबाद में 6 लोगों की जान चली गई.


6 लोगों की डूबने से मौत

फर्रुखाबाद में गंगा का पानी 15 से 20 सेंटीमीटर ऊपर है और ऐसी स्थिति पिछले एक सप्ताह से बनी हुई है. दूसरी और बाढ़ का पानी विभिन्न गांव, सड़कों और गलियों में भर गया है. जिसके कारण गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है. जलभराव के कारण सड़क कहां से कट गई है, इसका पता ही नहीं चलता है. इसके चलते बीते 24 घंटे में राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र में पांच और सदर क्षेत्र में एक युवक की डूबने से मौत हो गई. 



गांव में फैल रही बीमारियां, लोगों को नहीं मिल रहा खाना

नरौरा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में भले ही एक लाख क्यूसेक की कमी आई हो, लेकिन पांचाल घाट पर मीटर गेज स्थिर है. अभी भी गंगा खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर बह रही हैं. इसके कारण बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही है. जलभराव में सड़ांध के चलते बीमारियां भी पैर पसारने लगी हैं. घरों, सड़कों पर कैद लोगों का जीवन संकट में है. शहर के मोहल्ला कांशीराम कॉलोनी में पांचवें दिन भी किसी ने राहत सामग्री पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी. लोगों को दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो गई है.



ये रास्ते हैं बंद

गंगा की बाढ़ के चलते अंबरपुर की मडैया, उदयपुर, कंचनपुर, करनपुर घाट, मंझा, ऊगरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ सैदापुर आदि कई गांवों को जाने वाले रास्ते बंद हैं. घरों में चार-चार फीट पानी भरा होने से लोग छतों पर समय गुजार रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत कच्चे मकानों और झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के सामने है. तमाम लोग सड़कों और ऊंचे स्थानों की ओर चले गए हैं. वहां न तो रोशनी है और न ही खाने-पीने का इंतजाम, लेकिन प्रशासन सहायता के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है. 


प्रशासन नहीं कर रहा मदद- ग्रामीण

गांव के लोगों ने बताया कि घरों में कैद होने से कमाने भी नहीं जा पा रहे हैं. परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है. क्षेत्र के गांव पथरामई, शेखपुर, दुदेमई, कारव, जात नगला, सिग्नपुर, इकलहरा, शाहपुर, गंगपुर, बिहारीपुर, बौरा, दया माखी पूंथर आदि 30 से अधिक गांवों में पानी भरा है. मकान पानी से लबालब हैं. लिहाजा लोग छतों और ऊंचे स्थानों पर समय काट रहे हैं. कई-कई किमी दूर तक जल ही जल नजर आ रहा है. खेतों में खड़ी लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई.


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