‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’, नवपीढ़ी के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ- सीएम योगी

By  Md Saif May 1st 2025 03:51 PM

ब्यूरो: UP NEWS: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संघर्षों और प्रेरणादायक जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। गुरुवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के संघर्षमय जीवन की शून्य से शिखर तक की प्रेरणादायक यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह पुस्तक नवपीढ़ी के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ की तरह है।

 

सीएम योगी ने कहा कि गुजरात के एक छोटे से गांव से निकलकर देश के सबसे बड़े राज्य की राज्यपाल बनने तक की यात्रा आसान नहीं थी। यह पुस्तक बताती है कि जब कोई महिला सामाजिक बंधनों, संसाधनों की कमी और परिस्थितियों की चुनौतियों के बावजूद दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ती है, तो वह समाज के लिए एक प्रेरणा बन जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ पुस्तक केवल एक जीवनी नहीं बल्कि जीवन के हर उस पहलू को उजागर करती है जो संघर्षों के बाद सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने की कहानी कहती है। उन्होंने इसके लेखक विनय जोशी, अशोक देसाई और पंकज जानी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इस ग्रंथ को 14 अध्यायों में उस तरह रचा है जैसे समुद्र मंथन से निकले 14 रत्न। सीएम योगी ने कहा कि हम अक्सर शिखर देखते हैं लेकिन यह नहीं देखते कि उस शिखर की नींव कितने संघर्षों से बनी है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि कोई भी व्यक्ति यदि कठिनाइयों का सामना हिम्मत और संकल्प के साथ करता है तो वह दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकता है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उपराष्ट्रपति के मार्गदर्शन में महाकुंभ को वैश्विक पहचान मिली- योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति को “कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने वाला” बताते हुए कहा कि “महाकुंभ के समय भी उपराष्ट्रपति जी की उपस्थिति ने हमें नई प्रेरणा दी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उपराष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन में महाकुंभ को वैश्विक पहचान मिली।” सीएम योगी ने लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी बताते हुए कहा कि ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ जैसी रचनाएं लोकतंत्र को मजबूत करने वाली होती हैं। यह पुस्तक केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि लोकतंत्र, संघर्ष, आत्मविश्वास और नारी शक्ति का समग्र चित्रण है।

संबंधित खबरें