मूंगफली की खेती से होगी किसानों की मौज, यहां के किसानों को होगा सर्वाधिक लाभ

By  Mangala Tiwari June 19th 2025 12:33 PM

Lucknow: पोषण और बहुउपयोगिता के लिहाज से मूंगफली को ‘गरीबों का बादाम’ कहा जाता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फसल को प्रोत्साहन देने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। योगी सरकार की कोशिशों से प्रदेश में मूंगफली की खेती का रकबा और उत्पादन दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे खास तौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को आर्थिक मजबूती मिलने लगी है।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013-2016 के दौरान देश में मूंगफली उत्पादन लगभग 7.9 मिलियन टन था, जिसमें उत्तर प्रदेश का योगदान केवल 1 मिलियन टन रहा। लेकिन बीते एक दशक में प्रदेश का उत्पादन करीब ढाई गुना बढ़कर 4.7% तक पहुंच गया है। इस प्रगति का अधिकांश श्रेय बुंदेलखंड और आस-पास के जिलों को जाता है, जहां राज्य सरकार विशेष कृषि योजनाएं चला रही है।


‘यूपी एग्रीज’ (उत्तर प्रदेश कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण) परियोजना के अंतर्गत झांसी को मूंगफली क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि इसके निर्यात की संभावनाएं भी साकार होंगी।


एमएसपी पर खरीद से किसानों को मिल रहा सुरक्षा कवच

योगी सरकार किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद कर रही है। वर्ष 2024-25 के लिए मूंगफली का MSP ₹6,783 प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके अंतर्गत नैफेड और एनसीसीएफ जैसे केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विभिन्न जिलों में किसानों से सीधी खरीद की जा रही है।


गुजरात शीर्ष पर, यूपी में है जबरदस्त संभावनाएं

भारत में मूंगफली उत्पादन में गुजरात पहले स्थान पर है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 47% है। राजस्थान (16%) और तमिलनाडु (10%) अन्य प्रमुख राज्य हैं। हालाँकि उत्तर प्रदेश में उत्पादन अब भी अपेक्षाकृत कम है, लेकिन तकनीक, उन्नत बीजों और सरकारी सहयोग से यहां उपज क्षमता में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। पहले जहां यूपी में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 809 किलोग्राम था, वह अब राष्ट्रीय औसत 1688 किग्रा/हेक्टेयर तक पहुँच चुका है।


मूंगफली: पोषक तत्वों से भरपूर, बहुउपयोगी फसल

मूंगफली ना केवल ऊर्जा और प्रोटीन का भरपूर स्रोत है, बल्कि इसमें विटामिन ई, नियासिन, फोलेट, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी बहुउपयोगिता के कारण यह रोज़मर्रा के भोजन, व्रत के व्यंजन और तेल निर्माण में व्यापक रूप से इस्तेमाल होती है।

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