यूपी में अब किसानों की मेहनत नहीं होगी बेकार, फल-सब्जियों की बर्बादी पर लगेगी रोक
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार फल और सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए एक नई रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत सहकारिता विभाग द्वारा आधुनिक कोल्ड चेन नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। छोटे-छोटे कोल्ड स्टोर और गोदामों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, जिसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल को अपनाया जाएगा। इसके लिए एक नई नीति तैयार की जा रही है, जो किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और व्यापारियों को नुकसान से बचाने का लक्ष्य रखती है।
किसानों और व्यापारियों को होगा लाभ:
राज्य सरकार का उद्देश्य फल-सब्जियों को सड़ने से पूरी तरह बचाना है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिले और व्यापारियों को आर्थिक नुकसान न हो। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने पहले ही कोल्ड चेन की शुरुआत की है, और अब सहकारिता विभाग भी इस दिशा में कदम उठा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग ने पीपीपी मॉडल के तहत नीति निर्माण शुरू कर दिया है।
100 नए गोदामों का प्रस्ताव:
नई योजना के तहत साधन सहकारी समितियों में फल-सब्जियों के भंडारण की सुविधा विकसित की जाएगी। इससे न केवल उत्पाद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। वर्तमान में, राज्य में 375 सहकारी गोदाम हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 37,500 मीट्रिक टन है। वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, 16 जिलों में 24 बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति गोदामों का निर्माण भी प्रस्तावित है। नई नीति से फल-सब्जी कारोबार से जुड़ी कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
कोल्ड चेन का महत्व:
कोल्ड चेन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें खराब होने वाले कृषि उत्पादों, जैसे फल, सब्जियां, मांस और डेयरी उत्पादों को ताजा और सुरक्षित रखने के लिए शीतगृहों का नेटवर्क तैयार किया जाता है। यह प्रणाली खेत से मंडी और फिर फुटकर विक्रेताओं तक उत्पादों को निर्धारित तापमान पर पहुंचाती है, जिससे उनकी गुणवत्ता और ताजगी बनी रहती है। इससे किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपज बेचने का अवसर मिलता है।
रोजगार सृजन की संभावनाएं:
कोल्ड चेन नेटवर्क के विस्तार से इस क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों की संख्या बढ़ेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ब्लॉक और तहसील स्तर पर छोटे कोल्ड स्टोर स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में केवल दो सरकारी कोल्ड स्टोर (मेरठ और लखनऊ) और लगभग 2,300 निजी कोल्ड स्टोर हैं, जिनमें ज्यादातर आलू का भंडारण होता है। सब्जियों का भंडारण अभी न्यूनतम है, जिसे नई नीति के तह
त बढ़ावा दिया जाएगा।