भारत-नेपाल के सीमावर्ती बाजारों में पसरा सन्नाटा, व्यापारी परेशान, ये है वजह...
महराजगंज: नेपाल कस्टम ने कस्टम शुल्क को लेकर नए नियम का कड़ाई से पालन शुरू कर दिया गया है. जिसका असर सीमावर्ती बाजारों में साफ देखने को मिल रहा है. वहीं आम नेपाली ग्राहक भी नेपाल प्रशासन के इस कदम से परेशान हैं तो सीमावर्ती व्यापारियों की स्थिति भी काफी खराब हो गई है.
नेपाल कस्टम के फैसले से विरान हुए बाजार
ऐसा इसलिए है क्योंकि सीमावर्ती बाजार सिर्फ नेपाली नागरिकों पर ही आश्रित रहता था जो बाजार कभी गुलजार रहते थे अब नेपाल कस्टम के इस कदम से विरान दिखाई दे रहे हैं. भारतीय व्यापारियों ने कहा कि जल्द से जल्द इस समस्या पर भारत और नेपाल सरकार कोई कदम नहीं उठाएंगे तो आने वाले दिनों में भारत और नेपाल के रिश्ते में भी असर देखने को मिलेगा.
बात भारत-नेपाल सीमा के सोनौली कस्बा की करेंगे जो आज से कुछ दिन पहले नेपाली नागरिकों से भरा रहता था और नेपाल के नागरिक अपनी जरूरत के सामान इन्हीं कस्बे से खरीदते और ले जाते थे, लेकिन नेपाल कस्टम पर शुल्क को लेकर बीते दिनों कढ़ाई शुरू कर दी गई. जिसका असर सोनौली के बाजार ही नहीं बल्कि भारत नेपाल सीमा से सटे सभी सीमावर्ती बाजारों पर देखने को मिल रहा है. सोनाली कस्बा के व्यापारियों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में भारत और नेपाल सरकार नेपाल कस्टम के द्वारा इस फरमान जो भारतीय क्षेत्र में 100 रुपये की खरीदारी करने पर भी नेपाल कस्टम के द्वारा टैक्स लिया जाएगा उस पर ढिलवाही नहीं की गई तो सोनौली के व्यापारी भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे और वहीं भारत और नेपाल के रोटी बेटी के रिश्तों में भी दरार पढ़ती हुई नजर आएगा.
जिसका असर यह हो रहा है कि नेपाली ग्राहकों का सामान जो भारतीय क्षेत्र से खरीदने पर डबल मूल्य में भुगतान करना पड़ा है. इसको लेकर सीमावर्ती व्यापारियों सहित आम नेपाली नागरिक परेशान हैं. सोनौली बाजार इस समय आर्थिक मंदी से जूझ रहा है. सोनौली सहित महराजगंज जनपद के सीमावर्ती बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और दुकानदार आर्थिक संकट से जूझते हुए नजर आ रहे हैं.
क्या है नियम?
दरअसल, नेपाल कस्टम ने 100 रुपये से ज्यादा सामान ले जाने पर कस्टम शुल्क कड़ाई से काटना शुरू कर दिया है. बीते कुछ दिनों से ही नेपाल सरकार ने भारतीय क्षेत्रों के बाजारों से कुछ भी खरीदारी करके नेपाल ले जाने पर उस पर टैक्स को कड़ाई से लेना शुरू कर दिया है यानी अब अगर नेपाल का नागरिक भारत के बाजारों में जाकर 100 रुपये से ज्यादा की खरीदारी करता है तो उसे नेपाल भंसार में अतिरिक्त कस्टम शुल्क चुकाना होगा. लिहाजा नेपाल के इस नियम के कड़ाई के बाद नेपाली ग्राहकों ने महराजगंज जनपद के सोनौली बाजार सहित भगवानपुर निचलौल बाजारों में खरीदारी करना बंद कर दिया है. जिसके बाद से महराजगंज जनपद के सीमावर्ती बाजार आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं.
सरकार ने लगाई गुहार
सोनौली के व्यापारियों ने नेपाल सरकार से गुहार लगाई है कि नेपाल सरकार रोटी बेटी के रिश्ते को निभाए रखने के लिए कस्टम शुल्क में बदलाव लाए ताकि सीमावर्ती बाजारों की रौनक बढ़ सके. वहीं नेपाल के कस्टम अधिकारियों का कहना है बॉर्डर एरिया में कस्टम शुल्क का नियम पहले से ही चलता आ रहा है, नेपाल सरकार के निर्देश पर अब इसको कड़ाई से पालन कराया जा रहा है.
नेपाल सरकार ने नेपाल की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए एक ऐसा कदम उठाया जिससे भारत नेपाल के सीमावर्ती बाजारों पर आज सन्नाटा छाया हुआ है.