करणी सेना का SP सांसद रामजी लाल सुमन को अल्टीमेटम; 11 अप्रैल तक माफी नहीं तो आंदोलन जारी
Lucknow: लखनऊ में करणी सेना के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के एक बयान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। यह विवाद सुमन द्वारा राजपूत राजा राणा सांगा को “देशद्रोही” कहे जाने के बाद शुरू हुआ। प्रदर्शनकारी 1090 चौराहे पर जमा हुए और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रदर्शन कर रहीं रीना सिंह ने कहा कि रामजी लाल सुमन 11 अप्रैल तक राणा सांगा की प्रतिमा के सामने माफी मांगें, वरना उनका आंदोलन जारी रहेगा। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सुमन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और जब तक माफी नहीं मिलती, हम लोग पीछे नहीं हटेंगे। करणी सेना ने यह भी मांग की है कि मुख्यमंत्री आवास के सामने राणा सांगा की मूर्ति लगाई जाए। इस सिलसिले में संगठन के सदस्यों ने यूपी सरकार के मंत्रियों जयवीर सिंह और दयाशंकर सिंह से मुलाकात भी की।
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर सांसद सुमन को कुछ हुआ तो सरकार जवाबदेह होगी। डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है और यदि प्रदर्शन लंबा खिंचता है तो प्रदर्शनकारियों को पास के एक गार्डन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
विवाद की जड़ क्या है?
यह मामला 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान शुरू हुआ, जब रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। इसके बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आगरा में सुमन के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की थी। अखिलेश यादव ने इस हिंसा की निंदा करते हुए यूपी में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि सपा राणा सांगा की वीरता को चुनौती नहीं दे रही। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुमन पर हमला उनके दलित होने की वजह से हुआ। बता दें, राणा सांगा (संग्राम सिंह प्रथम) 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक रहे थे और उन्हें इतिहास में उनकी बहादुरी के लिए याद किया जाता है।