Mainpuri: देहुली नरसंहार में 3 दोषियों को फांसी की सजा, 1981 में 24 दलितों की हत्या का मामला,जानें मामला

By  Md Saif March 18th 2025 05:12 PM -- Updated: March 18th 2025 05:20 PM

ब्यूरो: Mainpuri: फिरोजाबाद के दिहुली में 44 साल पहले सामूहिक नरसंहार मामले में कोर्ट ने 3 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। मैनपुरी की डकैती कोर्ट की जज इंदिरा सिंह ने तीन दोषियों रामसेवक, कप्तान सिंह, रामपाल को फांसी की सजा सुना दी है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले 11 मार्च को मैनपुरी कोर्ट में स्पेशल जज ने तीनों हत्यारोपियों को दोषी ठहराया था।

 

फिरोजाबाद जिले के थाना जसराना क्षेत्र के दिहुली में 18 नवंबर, 1981 की शाम पांच बजे के लगभग हथियारबंद बदमाशों ने गांव में घुसकर अनुसूचित जाति बस्ती पर हमला बोला था। घरों में मौजूद महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दीं। बदमाशों ने तीन घंटे तक फायरिंग की। इस घटना में 23 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक घायल की इलाज के दौरान अस्पताल में जान चली गई थी।

 

न्यायाधीश इंदिरा ने अपने आदेश में लिखा कि हत्यारों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक इनकी मृत्यु न हो जाए। तीनों दोषियों की उम्र 75 साल से 80 साल के बीच है। इस हत्याकांड में कुल 20 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें से 13 आरोपियों की मौत हो चुकी है और फरार चल रहे चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने स्थायी वारंट जारी कर रखे हैं।

दिहुली में जब 44 साल पहले नरसंहार हुआ था तब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत कई बड़े नेता पीड़ितों का दर्द बांटने दिहुली पहुंचे थे। उस समय वह क्षेत्र मैनपुरी का हिस्सा हुआ करता था।

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