Milkipur By Election 2025: चंद्रशेखर की पार्टी: सियासी कद में इजाफे की तैयारी!

By  Md Saif January 21st 2025 06:56 PM

ब्यूरो: Milkipur By Election 2025: यूं तो यूपी की सियासत बीजेपी-सपा, कांग्रेस और बीएसपी के इर्द गिर्द ही घूमती रही है। लेकिन अब सियासी हलकों में एक नए नाम का भी जिक्र होने लगा है। ये शख्स हैं भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर, नगीना संसदीय सीट पर मिली जीत ने उनके सियासी कद में इजाफा किया है। यूं तो दूसरे सूबों में उनकी आजाद समाज पार्टी(कांशीराम ) के विस्तार की तमाम कोशिशें परवान न चढ़ सकी हैं लेकिन यूपी के विधानसभा उपचुनाव में इस पार्टी ने अपने अपने बढ़ते दायरे का अहसास जरूर करा दिया है। अब मिल्कीपुर उपचुनाव में दांव आजमा कर ये पार्टी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की मुहिम में जुट गई है।

  

मिल्कीपुर सीट पर चंद्रशेखर की पार्टी की आमद से सियासी दलों में हलचल तेज

इन दिनों यूपी में सर्वाधिक सुर्खियों में है अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट। यहां उपचुनाव हो रहे हैं। जहां यूं तो सीधी टक्कर बीजेपी और सपा के दरमियान ही मानी जा रही है लेकिन चंद्रशेखर आजाद की पार्टी द्वारा सूरज चौधरी को चुनावी मैदान में उतारने से सियासी सरगर्मी में और इजाफा हो गया है। कभी सपा सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी माने जाने वाले सूरज चौधरी समाजवादी पार्टी के साथ ही सक्रिय हुआ करते थे लेकिन उपचुनाव में टिकट न मिलने के बाद उन्होंने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी का दामन थाम लिया और टिकट भी हासिल कर लिया। इस रिजर्व सीट पर अब तीनों ही मुख्य प्रत्याशी पासी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। चंद्रशेखर की पार्टी के प्रत्याशी के आ जाने के बाद यहां का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। अब आकलन लगने लगे हैं कि सूरज चौधरी के आ जाने के बाद किसे नफा होगा और किसका नुकसान होगा।

   

छह विधानसभा सीटों के उपचुनाव में चंद्रशेखर की पार्टी ने बढ़ते सियासी कद का अहसास कराया

पिछले साल जब यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे तब चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने आठ सीटों पर दांव आजमाया था। सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी के सामने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था। हालांकि आजाद समाज पार्टी को किसी भी सीट पर जीत तो नहीं मिल सकी लेकिन कई सीटों पर उसके प्रत्याशियों के प्रदर्शन ने कई सियासी दलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। खासतौर से बीएसपी के लिए दिक्कत में इजाफा हो गया है। दरअसल, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भले ही 10 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई लेकिन चौथा स्थान हासिल करके अपनी मौजूदगी का अहसास करा दिया।

 

दलित व मुस्लिम वोटरों पर चंद्रशेखर की पार्टी की बढ़ती पकड़ से बढ़ीं बीएसपी की चिंताएं

यूं तो दलित व मुस्लिम बाहुल्य कुंदरकी और मीरापुर सीट एनडीए के खाते में दर्ज हो गईं। पर इन सीटों पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने तीसरा स्थान पाकर सियासी विश्लेषकों को हैरान कर दिया। इन दोनों सीटों पर बीएसपी पांचवें स्थान पर जा पहुंची। कुंदरकी सीट पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी चांद बाबू को 13,896 वोट मिले  जबकि बीएसपी महज 1,057 वोट पर ही सिमट गई। मीरापुर सीट पर आजाद समाज पार्टी के को 22,661 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे। यहां पांचवे पायदान पर रहे बीएसपी के शाह नजर महज  3,248 वोट ही हासिल कर सके। इस पार्टी का बढ़ता कद बीएसपी के लिए दिक्कत का सबब बनने लगा है।


बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रशेखर ने संसदीय चुनाव जीतकर अपना परचम फहराया

 पिछले साल हुए आम चुनाव में चंद्रशेखर नगीना सुरक्षित सीट पर निगाहें लगाए हुए थे। लेकिन ऐन मौके पर  सपा और कांग्रेस गठबंधन ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर को टिकट देने से इंकार कर दिया। इसके बाद चंद्रशेखर इस सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े। पांच लाख से ज्यादा वोट पाकर चंद्रशेखर ने बीजेपी के ओमकुमार को 1,51,473 वोटों के मार्जिन से शिकस्त दे दी। इस चुनाव में बीएसपी के सुरेंद्र पाल सिंह महज 13272 वोटों तक ही सिमट कर रह गए। जिस तरह से इस सीट पर दलित व मुस्लिम वोटरों ने चंद्रशेखर पर भरोसा जताते हुए समर्थन दिया उसने बीएसपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।

 

हरियाणा में चंद्रशेखर का प्रयोग फ्लॉप हुआ पर बीएसपी का भी पस्त होना उसके लिए राहत की बात रही

संसदीय चुनाव में फतह हासिल करने के बाद उत्साहित चंद्रशेखर ने हरियाणा के चुनाव में भी जोर आजमाइश की। यहां उनकी पार्टी ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ गठजोड़ करके बीस सीटों पर चुनाव लड़ा। पर ये प्रयोग असफल रहा। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में दस सीटें जीतने वाली जेजीपी इस बार खाता तक नहीं खोल सकी। वहीं आजाद समाज पार्टी को भी निराशा ही हाथ लगी। कई सीटें ऐसी रहीं जहां आजाद समाज पार्टी को 500 से भी कम वोट हासिल हुए। अंबाला सिटी में पार्टी प्रत्याशी पारुल नागपाल उदयपुरिया को 2423 वोट मिले। जगाधरी में 2684 वोट पाकर चंद्रशेखर की पार्टी 5वें नंबर पर रही। पर यहां आजाद समाज पार्टी के लिए संतोष की बात रही कि बीएसपी भी तमाम कोशिशों के बावजूद असफल ही साबित हुई।  

 

एमपी, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली चुनाव की ओर चंद्रशेखर की पार्टी ने रुख किया

आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया चंद्रशेखर ने मध्य प्रदेश की विजयपुर सीट पर भी उपचुनाव में उम्मीदवार उतारा था. इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी भारती पचौरी को महज 636 वोट मिले हैं. महाराष्ट्र के चुनाव में भी इस पार्टी ने दांव आजमाया था।  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 5 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स वाले एक्टर एजाज खान को आजाद समाज पार्टी टिकट देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरी थीं। पर एजाज को महज 155 वोट ही हासिल हो सके। फिलहाल, इन असफलताओं से बेफिक्र होकर अब आजाद समाज पार्टी ने दिल्ली की ओर भी निगाहे जमा ली हैं। ओखला, संगम विहार, अंबेडकर नगर, बुराड़ी और विकासपुरी विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं।

 

 बिहार के चुनाव में भी अपनी भागीदारी को बेसब्र है आजाद समाज पार्टी

पिछले साल 8 दिसंबर को पटना में आयोजित एक रैली में सांसद चंद्रशेखर ने केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए बिहार चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था। इस दौरान चंद्रशेखर ने महागठबंधन के किसी घटक दल या नेता पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस रैली के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने चंद्रशेखर की तारीफ की थी। लिहाजा अटकलें लग रही हैं कि महागठबंधन चंद्रशेखर आजाद की पार्टी को भी चार से पांच सीटों पर मौका दे सकता है। इसके दांव के जरिए दलित वोट जोड़ने में मदद पाने की विपक्षी गठबंधन को उम्मीद रहेगी तो चिराग पासवान से भी धारदार मुकाबले की तोड़ उसे मिल सकती है।

  बहरहाल, सियासी विश्लेषक मानते हैं कि चाहे दिल्ली के चुनाव हों या मिल्कीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव, इनमें आजाद समाज पार्टी भले ही जीत के करीब न हो पर चुनावी समीकरणों पर असर डालने की कोशिशों में जरूर जुटी है। ये कोशिश कामयाब हो पाती है तो फिर जहां इस पार्टी का उत्साह बढ़ेगा वहीं इसकी सियासी हैसियत में भी इजाफा होगा। विपक्षी खेमे में भी चंद्रशेखर का प्रभाव बढ़ेगा, आजाद समाज पार्टी की सीटों को लेकर बार्गेनिंग कैपेसिटी बढ़ेगी। यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मामले में चंद्रशेखर का दावा भी मजबूत होगा।

संबंधित खबरें