Parliament Security Breach: भगत सिंह और हिटलर के बारे में पढ़ता था सागर शर्मा, घर से मिली डायरी से हुआ खुलासा

By  Deepak Kumar December 15th 2023 12:48 PM -- Updated: December 15th 2023 12:55 PM

लखनऊ/जय कृष्णाः देश के संसद की सुरक्षा को भेदने वाले आरोपी सागर शर्मा ने 'मास्टर प्लान' तैयार किया था। इस घटना को भले ही 13 दिसंबर को संसद पर हुए आतंकी हमले की 22 वीं बरसी के मौके पर अंजाम दिया गया, लेकिन इस दुस्साहस का खाका सालों से तैयार किया जा रहा था। लखनऊ के सागर शर्मा के घर से मिली डायरी के कुछ पन्नों ने चौकाने वाले खुलासे किए हैं। नीली स्याही से सागर ने अपने मन की व्यथा और बागी सोच को कागज पर उतारा है।



सागर शर्मा की इतिहास पढ़ने में रुचि थी। वह स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत के साथ दुनिया के मशहूर जासूस शर्लक होम्स और जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के बारे में भी पढ़ता था। उसकी डायरी में शर्लक होम्स : रोचक और रोमांचक दुनिया और एडोल्फ़ हिटलर की मीन कैम्फ, जिसका अर्थ होता है मेरा संघर्ष, किताब के हिंदी अनुवाद मिलते हैं। सागर के पिता रोशन लाल शर्मा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि यह डायरी वह खुद ही लिखता था और खुद ही पढ़ता था। सागर ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के रूप में खुद का चित्रण कर फेसबुक पर पोस्ट किया है।

अब सागर की डायरी में लिखे उसके बागी विचारों को पढ़िए

सागर शर्मा ने वर्ष 2015 के आसपास डायरी लिखना शुरू की थी। लगभग इसी वर्ष के आसपास उसने अपनी 12वीं की परीक्षा पास की थी। परिवार के मुताबिक वह आगे की पढ़ाई करना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसे पढ़ाई छोड़कर परिवार की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। सागर शर्मा के व्यवहार में परिवर्तन तब आया, जब वह बेंगलुरु से लौट कर आया था।

ई रिक्शा चालक सागर शर्मा ने 08 जून 2015 को लिखा कि "मैं केवल अपने देश के लिए और इसकी पूर्ण स्वतंत्रता के लिए काम करता हूं, बलात्कार, भ्रष्टाचार, भूख, हत्या, अपहरण, तस्करी, धर्म के लिए लड़ाई जैसी चीजें इसके खिलाफ हैं। देश में शिक्षा मजाक बन गई है। और मुझे इन तथ्यों के बारे में तब पता चला, जब मैंने इन परिस्थितियों का सामना किया। शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए, किसी को शिक्षा से इसलिए दूर नहीं रखा जाना चाहिए, कि उसके पास पैसा नहीं है।



सागर शर्मा ने 24 जनवरी 2021 को लिखा था कि "आज लगभग 5 वर्षों बाद मैंने लिखना शुरू किया है। इन 5 वर्षों का अपना व्यक्तिगत अनुभव उसे डायरी में लिखने की जरूरत महसूस हुई है। अब आगे भी लिखने की मानसिक स्थिति बनेगी या नहीं इस पर नहीं कर सकता। पर सच कहूं तो मैं बहुत इच्छुक भी हूं। अपनी मानसिकता, दृष्टिकोण और उद्देश्यों को लेखन के जरिए पाठकों से साक्षात्कार कर सकूं। तथा अपने समाज के वर्तमान को आपके लिए पारदर्शी बना सकूं। ब्रह्मांड की शुरुआत से धरती पर इंसानों के मानसिक, समाजीकरण तथा वास्तविकता की व्याख्या करना जरूरी है।"

इसके बाद उसने डायरी के पन्ने पर लिखा, कि "घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है। एक तरफ डर भी है, दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग दहक रही है।" डायरी के अगले पन्ने पर सागर इंकलाब जिंदाबाद लिखने के साथ अपने विचारों को लिखता है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संसद में घुसपैठ से पहले जुलाई में सागर गोमती एक्सप्रेस से लखनऊ से दिल्ली पहुंचा। हालांकि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि वह जुलाई में दिल्ली क्यों गया था। लेकिन सागर ने ही स्प्रे कैन रखने के लिए लखनऊ से स्पेशल जूते बनवाए थे। जिसके सोल में कैन छिपाई जा सके। क्योंकि उसे पता था कि संसद जाने के बाद सब सामान की चेकिंग होती है, लेकिन जूते चेक नहीं किए जाते।

घर पर ताला लगा, परिजन अंडरग्राउंड

आलमबाग के रामनगर स्थित सागर के घर पर गुरुवार सुबह से ही ताला लगा हुआ है। जहां लोगों का कहना है कि जांच एजेंसी के लोग उनके परिजनों को लेकर दिल्ली चले गए। वहीं परिजनों का कहना है कि लोगों के आने-जाने से परेशान होकर सागर के परिजन रिश्तेदार के घर चले गए हैं। हालांकि इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की। सागर के मामा ने किसी से भी बात करने और घर पर किसी के न होने की बात कहते हुए बाहर से अपने घर को बंद कर रखा था।



पिता ने ललित पर बरगलाने का आरोप लगाया

पुलिस पूछताछ में सागर के पिता रोशन लाल ने ललित और मनोरंजन पर बेटे को बहकाने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक सागर अधिकतर घर पर नहीं रहता था। रात को आता था तो कोई फोन आने पर बाहर चला जाता था। बेंगलुरु में दो साल रहने के दौरान ललित और मनोरंजन के संपर्क में आया। जो अपने फायदे के लिए बेटे को गलत रास्ते पर ले गए। वह पहले ऐसा नहीं था। दोस्तों और रिश्तेदारों का कहना है कि वह फेसबुक पर तो कई क्रांतिकारी पोस्ट डालता था, लेकिन उन लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह ऐसा करेगा। उन्हें लगता था कि वह खुद को होशियार दिखाने के लिए कट-पेस्ट करके पोस्ट डालता है।

दिल्ली संसद भवन में रंगीन स्प्रे कैन फेंकने का साजिशकर्ता कोलकाता का रहने वाला ललित मोहन झा था। एक एनजीओ से जुड़ा ललित मोहन फेसबुक की मदद से संसद के अंदर स्मोक बम चलाने वाले सागर और बाहर नारेबाजी करने वाली नीलम से संपर्क में आया था। इसके बाद उन्होंने अन्य लोगों को जोड़कर पूरी घटना को अंजाम दिया।

संसद पर हुए प्रदर्शन का वीडियो खुद ललित झा ने बनाया। इसके बाद सबसे पहले अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया। फिर बस से राजस्थान अपने दोस्त के घर भाग गया, लेकिन पुलिस की सक्रियता देखकर रात भर एक होटल में रुकने के बाद अगले दिन दिल्ली आकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।

ललित हरियाणा का, कोलकाता की NGO से जुड़ा

संसद की थ्री-लेयर सुरक्षा को तोड़कर संसद भवन में स्मोक स्प्रे डालने वाला सागर, कोलकाता के ललित झा के विचारों से प्रभावित था। कथित मास्टरमाइंड ललित झा उसकी हर पोस्ट में टैग होता था। ललित की फेसबुक वॉल पर ही घटना का पहला वीडियो अपलोड होना बताता है, कि घटना के वक्त वह मौजूद था और सबको बताना चाहता था, कि उसके ग्रुप ने कोई क्रांतिकारी काम किया है।

ललित के सीधे संपर्क में नीलम और सागर थे। यह लोग करीब 2 साल से एक-दूसरे को मैसेज कर रहे थे। साथ ही, वॉट्सऐप कॉल भी करते थे। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि ललित के पास ही चारों आरोपियों के मोबाइल थे। जिन्हें घटना के बाद वो लेकर फरार हो गया था। सूत्रों के मुताबिक ललित मूलरूप से हरियाणा का रहने वाला है और कोलकाता में एक एनजीओ से जुड़ा है। जिसका जिक्र उसकी फेसबुक वॉल पर भी है।


ललित की भी प्रोफाइल पर भगत सिंह की फोटो

ललित झा की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी भगत सिंह की फोटो है। उसके भी दो अकाउंट होने की बात सामने आई है। वह लोग वॉट्सऐप की ग्रुप कॉलिंग के साथ सिग्नल एप पर जुड़कर इस रणनीति को बनाया था। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ साल पहले वह मैसूर में मिले थे। उसके बाद उन्होंने संसद में अपना विरोध प्रदर्शन का प्लान बनाया था।

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