PM मोदी ने वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की रखी आधारशिला, बोले- काशी के कायाकल्प के लिए विकास के नये अध्याय लिखते रहेंगे हम
वाराणसी: एक शिव शक्ति का स्थान चंद्रमा पर है तो दूसरा स्थान मेरी काशी में है। शिव शक्ति के इस स्थान से शिव शक्ति के उस स्थान पर भारत के विजय की मैं सभी को बधाई देता हूं। ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां गंजारी स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखने के दौरान कही। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत भोजपुरी में करते हुए कहा कि ''आज फिर से बनारस आवे क मौका मिलल ह, जौन आनंद बनारस में मिलेला ओकर व्याख्या असंभव है।''
'पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा ये स्टेडियम'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह ऐसे दिन काशी आए हैं, जब चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट पर पहुंचने का भारत का एक माह पूरा हो रहा है। शिव शक्ति यानी वो स्थान जहां हमारा चंद्रयान आज ही के दिन लैंड हुआ था। गंजारी का यह स्थान माता विंध्यवासिनी के धाम और काशी नगरी को जोड़ने के बीच एक पड़ाव है। यहां से कुछ दूर पर भारतीय लोकतंत्र के प्रखर पुरुष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनारायण जी का गांव मोतीकोट है। उन्होंने कहा कि वो इस धरती से राजनारायण जी और उनकी जन्मभूमि को सिर झुकाकर प्रणाम करते हैं। आज काशी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गयी है। ये ना सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगा। महादेव की नगरी में ये स्टेडियम और उसकी डिजाइन स्वयं महादेव को ही समर्पित है। इसमें क्रिकेट के एक से बढ़कर एक मैच होंगे। यहां खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मैचों की ट्रेनिग का लाभ मिलेगा। आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। जब क्रिकेट मैच बढ़ेंगे तो नये नये स्टेडियम की जरूरत बढ़ेगी। बनारस का ये स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा। पूरे पूर्वांचल का ये चमकता हुआ सितारा बनेगा।
भविष्य के भारत का भव्य प्रतीक बनेगा ये स्टेडियम- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बस ईंट और कंक्रीट का मैदान नहीं, बल्कि भविष्य के भारत का भव्य प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि हर विकास के लिए मेरी काशी अपना आशीर्वाद लिए मेरे साथ खड़ी रहती है। आपके बिना काशी में कोई विकास का संकल्प सिद्ध नहीं हो सकता है। आपके आशीर्वाद से हम काशी के कायाकल्प के लिए इसी तरह विकास के नये अध्याय लिखते रहेंगे। उन्होंने बताया कि जब खेल का इंन्फ्रास्ट्रक्चर बनता है। तो खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका सकारात्मक असर होता है। जब ऐसे बड़े सेंटर बनेंगे तो बड़े आयोजन होंगे। बड़ी तादात में दर्शक और खिलाड़ी यहां आंएगे। इससे होटल, खानपान की दुकान, रिक्शा ऑटो रिक्शा और नाव वालों को लाभ मिलेगा। नये स्पोर्ट्स कोचिंग सेंटर खुलेंगे और वाराणसी में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री तैयार होगी।
'कदम-कदम पर खिलाड़ियों की मदद कर रही सरकार'
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी का सांसद होने के नाते यहां आए बदलाव का मैं साक्षी रहा हूं। इस स्टेडियम के साथ ही सिगरा स्टेडियम के पुनर्निर्माण पर 400 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं। वहां 50 से अधिक खेलों के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। वो देश का बहुस्तरीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स होगा, जिसे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसे भी जल्द ही काशीवासियों को समर्पित किया जाएगा। इसके अलावा बड़ा लालपुर का सिंथैटिक ट्रैक हो, बास्केटबॉल कोर्ट, अखड़ा हो, हम नया निर्माण तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ पुरानी व्यवस्था को भी सुधार रहे हैं। हमने स्पोर्ट्स को युवाओं के फिटनेस, रोजगार और करियर से जोड़ा है। इस वर्ष केंद्रीय खेल बजट को तीन गुना बढ़ाया गया है। सरकार हमारे खिलाड़ियों के साथ टीम मेंबर बनकर चलती है। स्कूल से यूनिवर्सिटी तक की प्रतियोगिताएं हैं। सरकार कदम कदम पर खिलाड़ियों की मदद कर रही है।
'गांव गांव में खेलों के महारथी मौजूद हैं, जरूरी है इन्हें तलाशने और तराशने की'
प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के इतिहास में भारत की उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पिछले कई दशकों में भारत ने जितने मेडल जीते थे उससे ज्यादा मेडल हमारे बच्चे इस बार लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री ने एशियन गेम्स में गये खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि गांव गांव में खेलों के महारथी मौजूद हैं। जरूरी है इन्हें तलाशने और तराशने की। आज छोटे छोटे शहरों के खिलाडी देश की शान बने हुए हैं। खेलो इंडिया अभियान से देश के कोने से खिलाड़ियों की पहचान की जा रही है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने में सरकार अहम भूमिका निभा रही है। पहले अच्छे स्टेडियम केवल कुछ बड़े शहरों में ही मौजूद थे। अब देश के कोने कोने में खेलो इंडिया अभियान के जरिए स्पोर्ट स्टेडियम बनाये जा रहे हैं। इसका लाभ बेटियों को मिल रहा है। नई शिक्षा नीति में खेल को साइंस, मैथ और कॉमर्स की तरह ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। देश का मिजाज ऐसा बना है कि जो खेलेगा वही खिलेगा।