प्रदेश के गन्ना किसानों का समय से होगा भुगतान, CM योगी ने दिए सख़्त निर्देश
ब्यूरो: UP NEWS: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को चीनी मिलों और गन्ना किसानों से जुड़े अहम मामलों को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान न करने वाली चीनी मिलों को अब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि चीनी मिलों का कमांड एरिया अब उनके गन्ना मूल्य भुगतान इतिहास के आधार पर तय होगा।
सीएम योगी के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है कि राज्य की गन्ना उत्पादकता दोगुनी हो जाएगी और किसानों की आय बढ़ेगी। इसके लिए किसानों, चीनी मिलों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और गन्ना समितियों को मिलकर काम करना होगा। गन्ना उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्होंने मिलों से किसानों को नवाचार और समकालीन तकनीकों को अपनाने का तरीका सिखाने का आग्रह किया।
उपज का पूरा लाभ किसानों को मिले
मुख्यमंत्री के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ सालों में गन्ना किसानों को 2,85,994 करोड़ रुपये दिए हैं। यह राशि पिछले 22 वर्षों में राज्य के संचयी भुगतान से 72,474 करोड़ रुपये अधिक है। इस आंकड़े से गन्ना किसानों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है। सीएम योगी के अनुसार, वर्तमान में चीनी मिलें औसतन 142 दिन चलती हैं। किसानों को उनकी उपज का अधिकतम लाभ दिलाने और चीनी मिलों की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए इस अवधि को बढ़ाकर 155 दिन किया जाना चाहिए। उन्होंने सहकारी समितियों और महासंघों से जुड़ी चीनी मिलों की समीक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अब इन मिलों की क्षमता और दक्षता की परीक्षा होगी।
आपको बता दें कि देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। इस क्षेत्र में करीब 45 लाख गन्ना किसान हैं। राज्य सरकार हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले और गन्ना उत्पादन का समर्थन करने वाली तकनीकी संरचना में सुधार हो।
मुख्यमंत्री ने गन्ना विभाग के कर्मियों को किसानों से सीधे संवाद करने, समय पर पर्चियां वितरित करने और किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उनके अनुसार, गन्ना उत्पादक किसान जिम्मेदारी और पारदर्शिता के जरिए ही अपना हक पा सकते हैं। योगी सरकार ने इस बैठक के जरिए दोहराया है कि किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा और गन्ना उद्योग को पारदर्शी, समयबद्ध और नवोन्मेषी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।