यूपी में पोस्टर-वार: अखिलेश की होर्डिंग के जवाब में निषाद पार्टी की होर्डिंग से गरमाई सियासत

By  Md Saif October 25th 2024 02:26 PM -- Updated: October 25th 2024 03:15 PM

ब्यूरो: उत्तर प्रदेश विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव में नामांकन दाखिल करने की आज (24 अक्टूबर) आखिरी तारीख है। इस बीच राजनीतिक दल 2027 के सियासी रण को साधते हुए नजर आ रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी बीजेपी मुख्यालय के बाहर एनडीए में की सहयोगी निषाद पार्टी की होर्डिंग लगी दिखी, जिसमें संजय निषाद को 'सत्ताईस का खेवनहार' बताया गया है। उपचुनाव से पहले ये होर्डिंग चर्चा का विषय बन गई है। आपको बता दें कि उपचुनाव में बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं मिली है।


पोस्टर वार से 2027 पर टारगेट

उपचुनाव से ठीक पहले निषाद पार्टी की होर्डिंग से प्रदेश में चर्चा का माहौल गर्म है। इस बैनर में संजय निषाद को 'सत्ताईस का खेवनहार' बताया गया है। वहीं इससे पहले समाजवादी पार्टी का भी एक पोस्टर सुर्खियों में था। इसमें ‘सत्ताईस के सत्ताधीश’ होर्डिंग चर्चा का विषय बनी थी। लखनऊ में बीजेपी मुख्यालय के बाहर लगी होर्डिंग शुक्रवार को चर्चा का विषय बन गई। दफ्तर के बाहर डॉ. संजय निषाद की तस्वीर वाली होर्डिंग में 'सत्ता के खेवनहार' लिखा गया है।

निषाद पार्टी एनडीए की सहयोगी पार्टी है। होर्डिंग में ऊपर एक तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह की तस्वीर है। वहीं दूसरी तरफ यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की भी तस्वीरें हैं। इस होर्डिंग में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय सिंह की भी फोटो है। होर्डिंग देखने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह होर्डिंग अजय सिंह या उनके समर्थकों की तरफ से लगाई गई होगी। होर्डिंग में ऊपर जय निषाद राज-जय श्रीराम भी लिखा हुआ है।


दरअसल, यूपी में 9 सीटों पर हो रहा विधानसभा उपचुनाव कई मायनों में अहम है। इस उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमी-फाइनल के रूप में देखा जा रहा है। इस उपचुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी की रणनीति की भी परीक्षा होगी। बीजेपी ने सहयोगी आरएलडी को एक सीट (मीरापुर) दी है। तमाम कोशिशों के बावजूद निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं मिल सकी। ये भी चर्चा रही कि निषाद पार्टी प्रमुख और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने इसके लिए जेपी नाड्डा और अमित शाह से भी मुलाकात की और लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगाई। जबकि ऐसी चर्चा थी कि निषाद पार्टी मझवां और कटेहरी सीट मांग रही थी। संजय निषाद ने कहा था कि बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ कोई बैठक नहीं की है।

होर्डिंग और उसमें लगी तस्वीरों से ये साफ होता दिख रहा है कि फिलहाल संजय निषाद और निषाद पार्टी का तालमेल बीजेपी से ठीक है। इसकी पुष्टि निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह उपचुनाव में भाजपा के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा, "जीत के लिए बीजेपी का जी-जान से समर्थन करेंगे। हम सीट के लिए नहीं, जीत के लिए लड़ रहे हैं।"

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