UP Bye Election 2024: त्यौहार के बाद अब चुनावी सरगर्मी में होगा इजाफा

By  Md Saif November 5th 2024 10:54 AM

ब्यूरो: UP Bye Election 2024: प्रकाश पर्व दीपावली के उल्लास की खुमारी उतरने के बाद अब यूपी की सियासी सरगर्मी में इजाफा होने जा रहा है। विधानसभा उपचुनाव के बाबत सियासी दलों का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ने जा रहा है। सभी नौ सीटों पर प्रचार के लिए बीजेपी-सपा के साथ ही बीएसपी ने भी कमर कस ली है। विधानसभा चुनाव 2027 के सेमीफाइनल माने जाने वाले इस उपचुनाव के लिए प्रचार का घमासान छिड़ने वाला है, जिसमें बयानों के तीखे बाण बरसेंगे तो सभाओं-रैलियों की भरमार भी नजर आएगी।

     

बीजेपी की ओर से प्रचार का सारा जिम्मा रहेगा सीएम योगी और उनकी टीम के कंधों पर

उपचुनाव में फूलपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ व मझवां की सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि मीरापुर सीट एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के पास है। अभी पार्टी की ओर से जो रणनीति तय हुई है उसके अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी की उपचुनाव वाली सभी नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारक होंगे। इनके साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी प्रचार के लिए निकलेंगे तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और महामंत्री धर्मपाल भी चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। फिलहाल सूबे से बाहर के किसी बड़े चेहरे को चुनाव प्रचार में बुलाए जाने की कोई योजना नहीं है। उपचुनाव वाली सीटों पर 13 कैबिनेट और 17 राज्य मंत्रियों सहित तीस मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है। ये प्रभारी मंत्री रोटेशन के हिसाब से वोटिंग से पहले तक अपनी अपनी सीटों पर रहकर चुनावी तैयारियों का प्रबंधन संभालेंगे। संबंधित सीटों के उम्मीदवारों से सीएम की रैली के लिए अनुकूल तारीखों की जानकारी पहले से ही जुटा ली गई है।  उम्मीदवारों से मिली जानकारी और प्रभारी मंत्रियों के सुझावों के अनुसार ही रैलियों का शेड्यूल तैयार किया गया है। जिस पर दीपावली के बाद युद्धस्तर पर अमल किया जाना है। प्रभारी मंत्रियों के अलावा पार्टी के अन्य पदाधिकारियों व विधायकों को जातीय व सामाजिक समीकरणों के लिहाज से संबंधित सीटों पर प्रचार के लिए भेजा जाएगा।

    

सपा की ओर से स्टार प्रचारकों के अलावा अखिलेश-राहुल की जोड़ी भी चुनाव प्रचार में शामिल होगी

उपचुनाव के लिए सपा की ओर से चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी हो चुकी है। इसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के अलावा सांसद डिंपल यादव, पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, प्रो. रामगोपाल यादव, जया बच्चन, रामजीलाल सुमन, हरेंद्र मलिक, लालजी वर्मा, बाबू सिंह कुशवाहा और सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल शामिल हैं। चुनाव आयोग को सौंपी गई स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त में जेल में बंद सपा नेता आजम खान का नाम भी दर्शाया गया है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पिछड़ जाने के बाद अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी साल 2024 के आम चुनाव में यूपी में हिट साबित हुई। अब उपचुनाव में भी इस जोड़ी की संयुक्त सभाओं का खाका तय किया जा रहा है। दरअसल, उपचुनाव में कोई सीट न मिलने से मायूस कांग्रेसी खेमे के साथ ही प्रदेश की जनता के सामने गठबंधन की मजबूती का संदेश देने के लिए संयुक्त सभाओं को आयोजित करने की तैयारी है।  

    

एनडीए और इंडी गठबंधन के सहयोगी भी अपने पक्ष को जिताने के लिए जुटेंगे

उपचुनाव में सीटें पाने की ख्वाहिशमंद रही एनडीए की सहयोगी निषाद पार्टी को भले ही सीटों में हिस्सा न मिल सका हो पर बीजेपी रणनीतिकारों की पूरी कोशिश है कि उसके सहयोगी एक सुर होकर उपचुनाव में जुटें। मीरापुर सीट पर तो रालोद जुटी ही है इसके साथ ही निषाद पार्टी, सुभासपा और अपना दल (एस) के नेता भी एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं, एक भी सीट न मिलने से मायूस इंडी गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस अब उपचुनाव वाली सीटों पर सपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटेगी। इसके लिए पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के नेतृत्व में नौ समन्वय समितियां बनाई गई हैं। जिनके जरिए आईएनडीआईए गठबंधन के प्रत्याशियों के साथ तालमेल बनाकर चुनाव प्रचार का संचालन किया जाएगा।

      

बीएसपी की ओर से भी प्रचार के लिए नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी नौ सीटों पर उतारे गए प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने की रणनीति तय की है। उपचुनाव के प्रचार की कमान बीएसपी के यूपी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को सौंपी गई है। पार्टी सूत्रों की माने तो अभी तक मायावती के भतीजे और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद के प्रचार में उतरने के बाबत कोई जानकारी पार्टी जनों को नहीं मिली है। लिहाजा कयास लग रहे हैं कि आकाश आनंद इस उपचुनाव के बजाए शायद महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में ही अधिक सक्रिय दिखें। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के तीन चरणों में आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार करने के बाद आकाश आनंद की सक्रियता पर अंकुश लगा दिया गया था। बाद में पंजाब और उत्तराखंड के उपचुनाव में वह स्टार प्रचारक  बनाए गए। हरियाणा चुनाव प्रचार की कमान तो पूरी तरह उनके हाथों में रही पर मनमाफिक नतीजे न मिल सके। लिहाजा यूपी में अभी उनकी सक्रियता को लेकर सजगता के साथ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। फिलहाल, सभी सीटों पर स्थानीय समीकरणों के लिहाज से स्टार प्रचारक नेताओं को तैनात किया जाएगा। मसलन, बिजनौर के चांदपुर निवासी और मुरादाबाद मंडल के  बीएसपी के कोऑर्डिनेटर महेन्द्र कुमार को कुंदरकी सीट के लिए स्टार प्रचारक बनाया गया है। दूसरी सीटों पर भी प्रचार के लिए बीएसपी के वफादार नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

   

चुनाव प्रचार के लिए तय की गई रणनीति पर युद्धस्तर पर अमल होने वाला है

गौरतलब है कि उपचुनाव की सियासी बिसात पर प्रत्याशियों को उतारकर सियासी दलों ने अपना पहला दांव तो चल दिया है। अब चुनाव प्रचार के लिए जोर आजमाइश की जानी है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक शिवेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि अभी तक जनता त्यौहार के उल्लास मे डूबी थी लिहाजा सियासी दलों ने अपने चुनाव प्रचार को विराम दे रखा था पर अब त्यौहार के बीतने साथ ही सियासी दलों का चुनाव प्रचार रफ्तार हासिल करेगा। वोटरों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में जुटेंगे। दरअसल, 13 नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले नौ विधानसभा सीटों पर सियासी दल पूरी ताकत झोंक देना चाहते हैं। नवंबर के पहले हफ्ते में रैलियों-जनसभाओं और संपर्क अभियानों की सुनामी नजर आएगी। अंतिम दौर तक अपने अपने प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए भरपूर कवायद अंजाम दी जाएगी।

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