UP Bypoll 2024: मिशन उपचुनाव; बीजेपी ने छेड़ी युद्धस्तर पर मुहिम

By  Md Saif November 9th 2024 04:29 PM

ब्यूरो: UP Bypoll 2024: दीपावली और छठ बीतने के साथ ही बीजेपी ने उपचुनाव के प्रचार को लेकर युद्धस्तर पर मुहिम छेड़ दी है। पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सबब बन चुके उपचुनाव में कामयाबी के लिए बीजेपी ने बहुआयामी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। इस उपचुनाव में स्टार प्रचार के तौर पर सारा दारोमदार सीएम योगी और उनकी टीम पर है। सीएम योगी अपने फायर ब्रांड अंदाज में प्रचार को धार दे रहे हैं तो वहीं, पार्टी संगठन के मंडल व शक्ति केंद्र भी सक्रिय हैं। सीटवार जातीय समीकरणों को साधने की मशक्कत की जा रही है। रैलियों-बयानों-चुनावी दांवों के जरिए चुनावी माहौल सरगर्म हो चुका है।

                                           

दो चरणों में चुनाव प्रचार की रणनीति को अंजाम दे रहे हैं सीएम योगी

चूंकि बीजेपी में सैद्धांतिक तौर से इस  बात की सहमति बनी थी कि उपचुनाव में यूपी की प्रादेशिक टीम ही प्रचार का पूरा जिम्मा उठाएगी। उपचुनाव के प्रचार में पार्टी के केंद्रीय चेहरे या दूसरे प्रदेशों से दिग्गज चेहरे शामिल नहीं होंगे बल्कि सीएम योगी और उनके सहयोगी ही स्टार प्रचारक की भूमिका में रहेंगे। पहले 13 नवंबर मतदान की तारीख तय हुई थी पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान के आयोजन की वजह से इसे बदलकर 20 नवंबर कर दिया गया। इस वजह से सीएम योगी की चुनावी  रैलियों की रणनीति में भी फेरबदल किया गया है। अब सीएम योगी दो चरणों में चुनावी रैलियों को अंजाम देंगे। पहले चरण के तहत शुक्रवार को सीएम योगी ने पश्चिमी यूपी की सीटों मीरापुर, गाजियाबाद और कुंदरकी में चुनावी सभाओं को संबोधित किया तो शनिवार को उन्होंने मध्य यूपी  करहल, खैर और सीसामऊ सीटों की चुनावी सभाओं में पहुंचकर वोटरों को लामबंद करने की कवायद की। रविवार को पूर्वी यूपी की कटेहरी, फूलपुर और मझंवा सीट पर चुनाव प्रचार करने पहुंचेगे। प्रदेश को दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

         

सीएम योगी ने सपाई खेमे को लेकर खासा आक्रामक रुख अपना रखा है

अपनी चुनावी सभाओं मे सीएम योगी लगातार समाजवादी पार्टी पर तीखा निशाना साध रहे हैं। अयोध्या और कन्नौज में दुष्कर्म की वारदातों में सपा नेताओं के लिप्त होने को मुद्दा बनाते हुए सीएम योगी सपा पर युवा व महिला विरोधी होने का आरोप चस्पा कर रहे हैं। चुनावी सभाओं में सीएम नया जुमला गढ़ते हुए कह चुके हैं...."जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई।' सीएम भरोसा भी दे रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार में बहन-बेटियों के साथ कोई खिलवाड़ करने की जुर्रत नहीं कर सकेगा। उपचुनाव में कांग्रेस को सीटें न मिल पाने के मुद्दे पर तंज कसते हुए योगी कहते हैं लोकसभा चुनाव में इन लोगों ने कहा था खटाखट-खटाखट, लेकिन इसका लाभ नहीं मिला। यूपी में सपा ने कांग्रेस को ठनठन गोपाल कर दिया है। दोनों में ठन गई है, क्योंकि धोखा देना सपा की प्रवृत्ति है।

    

सीटों के समीकरणों के लिहाज से सीएम योगी के भाषण का फोकस तय होता है

यूपी के समृद्ध इलाकों मे शुमार गाजियाबाद की चुनावी सभा में सीएम योगी कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का जिक्र करते हैं। तो मुस्लिम बाहुल्य कुंदरकी सीट पर बयान देते हैं  कि 'ताली दोनों हाथ से बजती है। होली-दीपावली हर्षोल्लास से मनाई जाएगी तो ईद में भी बाधा नहीं होगी।' सपा पर तीखा वार करते हुए कहते हैं कि 'चांद दिखाई नहीं देता तो ईद की तिथि बदल दी जाती है, लेकिन जब हिंदू आस्था के प्रतीक पर्व को देखते हुए संवैधानिक संस्था ने तिथि बदली तो सपा को तकलीफ हो रही।' मीरापुर में सपा प्रत्याशी को दंगों का सरगना बताते हुए योगी कह चुके हैं कि तत्कालीन सपा सरकार में दंगों के सरगना को सरकारी आवास पर सम्मानित किया जाता था। दंगों के बारूद को हैंडपंप के पानी से ठंडा किया जाएगा। कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली पर सपा और कांग्रेस को रुख स्पष्ट करने की चुनौती भी दे रहे हैं।

   

मिशन उपचुनाव को सफल बनाने के लिए विकास का बड़ा दांव चल चुकी है बीजेपी

उपचुनाव वाली सभी नौ सीटों पर योगी सरकार सरकारी खजाने को खोलकर विकास योजनाओं का तोहफा पहले ही दे चुकी है। युवाओं को लुभाने के लिए भी कई कोशिशों को अंजाम दिया गया है। जिन दस सीटों पर उपचुनाव होना है उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में सितंबर महीने में ही सीएम योगी 6579 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर चुके हैं। विपक्ष के बेरोजगारी के आरोपों की धार कुंद करने के लिए इन विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित रोजगार मेले के जरिए 53 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं। वहीं, युवाओं में पैठ बनाने के लिए पचास हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को टैबलेट व स्मार्ट फोन भी दिए गए हैं। सरकार की ओर से भविष्य में विकासोन्मुख व रोजगारपरक योजनाओं की भरमार कर देने के भी वायदे किए गए हैं।

       

एनडीए के विधायकों के साथ ही मंत्रियों की टीम भी मुस्तैद है

चुनाव वाली सीटों पर दो महीने पहले से ही तीस प्रभारी मंत्रियों की तैनाती कर दी गई थी। इनमें 13 कैबिनेट और 17 राज्य मंत्री शामिल हैं। ये सभी लगातार अपनी जिम्मेदारी वाली सीटों पर प्रवास करके पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। बीजेपी की ओर से उपचुनाव के लिए संगठन को खासतौर से सक्रिय किया गया है। पार्टी के मंडल और शक्ति केंद्रों के प्रभारी और पार्टी पदाधिकारी जनसंपर्क के लिए जुटाए गए हैं। हर सीट पर बीजेपी और सहयोगी दलों के दस-दस विधायकों की तैनाती की गई है। इन विधायकों का चयन सीटों के जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया गया है। मतदान से पहले तक ये सभी विधायक अपनी तैनाती वाले क्षेत्रों में वोटरों से संपर्क करके उन्हें पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में लामबंद करेंगे।

         

साख से जुड़ चुके उपचुनाव में जीत के लिए योगी ने अपनाई आक्रामक शैली

जिस तरह से उपचुनाव में सीएम योगी फायरब्रांड अंदाज में विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं, खासतौर से सपा को आड़े हाथों ले रहे हैं उसे देखते हुए सियासी विश्लेषक मानते हैं कि भगवा खेमे में हिंदुत्व के बड़े प्रतीक बन चुके सीएम योगी अपने तेवरों के जरिए अपनी चिरपरिचित पुरानी आक्रामक शैली को फिर से धार देते हुए नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह कहते हैं कि आम चुनाव में जिस प्रदर्शन की बीजेपी को उम्मीद थी यूपी में वैसा नहीं हो सका। इससे पार्टी जनों में भी निराशा पसरी। ऐसे में उपचुनाव मौका है जिसमें बेहतर प्रदर्शन करके पार्टी कैडर के मनोबल को बढ़ाया जा सकेगा तो वहीं, ये उपचुनाव पूरी तरह से सीएम योगी के नेतृत्व में लड़े  जा रहे हैं तो जाहिर है इसके नतीजों से सीएम योगी की प्रतिष्ठा सीधे तौर से जुड़ चुकी है। ऐसे में उपचुनाव के अपने मिशन को कामयाब बनाने के लिए बीजेपी खेमा कोई कोर कसर नहीं रखना चाह रहा है। आने वाले दिनों में सीएम योगी और भी अधिक आक्रामक शैली अपनाते दिखें और फायरब्रांड बयानों मे तेजी आए तो अचरज  नहीं करना चाहिए।

संबंधित खबरें