UP: मुख्तार ही नहीं, माफिया के साथी-बाराती सबकी आई शामत, डेढ़ साल में आठवां बड़ा झटका
ब्यूरो: इंटरस्टेट गैंग (IS-191) का लीडर और हिस्ट्रीशीटर मुख्तार अंसारी के माफिया साम्राज्य की नींव हिल चुकी है। योगी राज में एक के बाद एक उसके गुनाहों का फैसला अदालत के जरिए हो रहा है। दिल्ली, पंजाब सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आतंक का पर्याय मुख्तार अंसारी फिलहाल बांदा जेल में अपने किये जुर्मों की सजा काट रहा है। मगर उसकी दुश्वारियों का अंत अभी नहीं हुआ है। हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, गैंगस्टर, एनएसए जैसी विभिन्न जघन्य प्रकृति के अपराधों के लगभग 65 से अधिक मुकदमे मुख्तार पर दर्ज हैं। योगी सरकार एक तरफ अदालतों में माफिया के खिलाफ प्रभावी पैरवी करके इसे सजा के मुहाने पर पहुंचा रही है। वहीं दूसरी तरफ इसके पूरे सल्तन के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर अभियान छिड़ा हुआ है।
175 लाइसेन्सी शस्त्र धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई
माफिया मुख्तार अंसारी के गैंग के सदस्यों और इसके सहयोगियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। इसमें माफिया गैंग के 297 सदस्य और इसके सहयोगियों के खिलाफ 161 मामलों में मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं। साथ ही 175 लाइसेन्सी शस्त्र धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। यही नहीं गैंग से सम्बन्धित 5 माफिया और सहअपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में ढेर किया जा चुका है।
गैंग वालों पर गैंगेस्टर और एनएसए के तहत हुई है कार्रवाई
मुख्तार गैंग के 164 सदस्यों के खिलाफ गैंगेस्टर अधिनियम और 6 साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अन्तर्गत कार्रवाई भी कई गई है। इससे ₹608 करोड़ से अधिक मूल्य की सम्पत्ति को जब्त और ध्वस्त कराया जा चुका है। इसके अलावा ₹215 करोड़ से अधिक मूल्य के अवैध ठेका, टेण्डर और फर्म भी बन्द कराये गये हैं।
68 माफिया के खिलाफ चल रही प्रभावी कार्रवाई
बता दें कि योगी सरकार प्रदेश के 68 माफिया अपराधियों को चिह्नित करके उनके खिलाफ मुकदमों में पैरवी कर रही है। माफिया के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान में योगी सरकार ने अबतक प्रभावी पैरवी के जरिए 52 मामलों में 24 चिह्नित माफिया व 42 गैंग सदस्यों को उनके गुनाहों की सजा दिला चुकी है। इसमें 2 को मृत्युदण्ड (फांसी) की सजा भी हो चुकी है।
इन माफिया सरगनाओं को सजा करा चुकी है योगी सरकार
योगी सरकार प्रदेश के जिन प्रमुख माफिया गिरोह के खात्मे में जुटी है, उनमें मुख्तार अंसारी, विजय मिश्रा, अतीक अहमद (मृत), योगेश भदौड़ा, मुनीर, सलीम, रुस्तम, सोहराब, अजीत सिंह उर्फ हप्पू, आकाश जाट, सिंहराज भाटी, सुन्दर भाटी, मुलायम यादव, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, अमित कसाना, एजाज, अनिल दुजाना, याकूब कुरैशी, बच्चू यादव, धर्मेन्द्र कीर्तल, रणदीप भाटी, संजय सिंह सिंघला, अनुपम दूबे तथा ऊधम सिंह शामिल हैं। इन सभी को विभिन्न न्यायालयों से सजा कराई गई है। इन सभी माफिया अपराधियों से अब तक 3,818 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति का जब्तीकरण और ध्वस्तीकरण के साथ ही अवैध कब्जों को मुक्त कराया जा चुका है।