UP: जल संकट से जूझ रहा है मिर्जापुर का यह गांव, पानी के समस्या के चलते नहीं हो रही लड़कों की शादियां

By  Rahul Rana March 26th 2024 07:19 PM

ब्यूरो: मिर्जापुर जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर वाराणसी कन्याकुमारी हाईवे से सटे लहुरियादह गांव में आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी पेयजल की समस्या का नहीं हो सका है। समाधान गर्मी शुरू होते ही लोग सुबह 3:00 बजे से ही उठकर लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर पहाड़ से नीचे उतारकर झरने के पास पहुंचते हैं और वहां पर नंबर लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं । बारी आने पर चलने से रस रहे पानी को साथ लाए बर्तन में भरते हैं और फिर अपने घर की तरफ प्रस्थान करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले टैंकर से पानी की आपूर्ति हो जाती थी परंतु पिछले वर्ष हर घर जल हर घर नल योजना के तहत लोगों के घरों में तक फाइव लाइन दौड़ा कर नल लगा दिए गए और कुछ दिन तक पानी भी आया परंतु जनवरी माह से पानी की दिक्कत शुरू हुई और मार्च से पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है। जिसके चलते पानी के लिए प्राकृतिक स्रोत झरने की तरफ जाने को हम मजबूर हैं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इसी पानी के समस्या के चलते यहां रहने वाले लड़कों की शादियां भी नहीं हो रही हैं। 

अन्य गांव से जिन लड़कियों की शादी हो गई है वह भी घुंघट निकाल कर सुबह से ही पानी की जुगाड़ में लग जाती हैं सुनीता ने बताया कि पानी की समस्या के चलते बच्चों की पढ़ाई  भी बाधित हो रही है। 

वही गांव के रहने वाले हरि बुजुर्ग हरी लाल ने बताया कि यहां की संसद अपनी 10 वर्ष पूरी करने वाले हैं और विधायक भी दोबारा चुनकर हम लोगों ने दिया है परंतु आजादी से बात से अब तक किसी ने भी हमारी समस्या का निराकरण नहीं किया अब चुनाव आया है तो यह फिर आएंगे और कहेंगे कि वोट दें इस बार हम समस्या का निराकरण जरूर करेंगे । बता दें कि पूर्व जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के प्रयास से वर्ष 2023 में 29 अगस्त को पहली बार यहां पर नल के द्वारा जल पहुंचा था। परंतु उनके जाने के बाद फिर ग्रामीणों के सामने वही पानी की समस्या मुंह बाए खड़ी है। स्थानीय ग्रामीण ने आरोप लगाया कि सही अधिकारी को लोग रहने नहीं देते उनका कहना है कि पानी के लिए लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पहाड़ के नीचे पैदल जाना पड़ता है और तब कहीं जाकर पानी मिल पाता है इसी समस्या के चलते अब दूसरे गांव के लोग अपनी लड़कियों की शादी भी यहां नहीं करना चाहते है। 

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल हर घर नल स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते मिर्जापुर के इस इलाके में फेल हो गई है और ग्रामीण आदिवासी जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्हें इंतजार है किसी ऐसे मसीह की जो उन्हें पानी की समस्या से निजात दिला सके। 

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