शिक्षामित्रों की सैलरी बढ़ोतरी को लेकर बड़ी खबर, कोर्ट का आदेश- '1 महीने में फैसला ले सरकार'
ब्यूरो: UP Shikshamitra Salary: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षामित्र सुर्खियों में हैं। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार को मानदेय बढ़ाने पर फैसला लेने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव को एक मई तक आदेश के अनुपालन का हलफनामा देने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने की। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को प्रमुख शिक्षा सचिव को अनुपालन आदेश भेजने के लिए 24 घंटे की समय सीमा दी है। विवेकानंद व अन्य वाराणसी निवासियों ने यह याचिका साल 2023 में दायर की थी। शिक्षामित्रों ने इस याचिका में समान श्रम के लिए समान वेतन की दलील दी थी। कोर्ट ने राज्य को एक कमेटी बनाने और शिक्षामित्रों को दिए जाने वाले मानदेय को न्यूनतम मानते हुए उचित पारिश्रमिक निर्धारित करने का आदेश दिया था। हालांकि प्रशासन ने कोर्ट के निर्देश की अवहेलना की।
सरकार द्वारा दिया गया यह तर्क
चूंकि सरकार ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है, इसलिए यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह निर्देश जारी किए। अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय वृद्धि पर संबंधित विभाग फिलहाल विचार-विमर्श कर रहा है।
कोर्ट के निर्देश के तहत शिक्षामित्रों के वेतन पर फैसला लेने के लिए सरकार को एक महीने का समय दिया गया है। यूपी बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को एक मई तक आदेश के अनुपालन का हलफनामा देने का निर्देश दिया गया है। एक मई को इस मुद्दे पर फिर सुनवाई होगी।