शहरी विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही होगी सुनिश्चित, जनप्रतिनिधियों के नाम वाली पट्टिकाओं की तस्वीरें अनिवार्य
Lucknow: समावेशी, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण शहरी विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया है कि उत्तर प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित शहरी अधोसंरचना परियोजनाओं में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के योगदान को गरिमापूर्ण रूप से मान्यता दी जाए।
नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश ने शहरी विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब विकास कार्यों की वित्तीय किश्त की स्वीकृति के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उपयोग प्रमाणपत्र (UC) और पूर्णता प्रमाणपत्र (CC) के साथ उन शिलापट्टों की प्रमाणित तस्वीरें संलग्न की जाएं, जिन पर संबंधित जनप्रतिनिधियों के नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हों। यह फोटोग्राफिक दस्तावेज परियोजना की प्रगति और सार्वजनिक धन के सदुपयोग की निगरानी हेतु एक आवश्यक अनुपालन प्रमाण के रूप में काम करेगा।
मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में, नगर विकास विभाग ने सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि विभागीय योजनाओं और वित्त आयोग के तहत वित्त पोषित विकास परियोजनाओं में शिलान्यास एवं उद्घाटन पट्टिकाओं की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाए।
पट्टिकाओं पर नामों का निर्धारित क्रम और समान प्रस्तुति अनिवार्य:
नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक पट्टिका पर प्रमुख जनप्रतिनिधियों—माननीय मुख्यमंत्री, माननीय नगर विकास मंत्री, संबंधित क्षेत्र के माननीय विधायक, और नगर निगम में माननीय महापौर या नगर पालिका/नगर पंचायत में माननीय अध्यक्ष—के नाम निर्धारित क्रम में अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि माननीय विधायक और महापौर/अध्यक्ष के नाम एक समान फ़ॉन्ट साइज में हों, ताकि प्रस्तुति में निष्पक्षता और गरिमा बनी रहे।
पट्टिकाओं पर केवल निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के नाम ही अंकित किए जाएंगे। किसी भी सरकारी अधिकारी जैसे नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी या अन्य विभागीय कर्मियों का नाम पट्टिका पर लिखना पूर्णतः वर्जित होगा।
सभी शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों में संबंधित माननीय जनप्रतिनिधियों को पूर्ण सम्मान एवं प्रोटोकॉल के साथ आमंत्रित करना अनिवार्य किया गया है। उनकी उपस्थिति न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी को बल देती है, बल्कि स्थानीय समुदाय में स्वामित्व की भावना भी विकसित करती है।
वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने हेतु यह निर्देशित किया गया है कि परियोजना की अगली किश्त के लिए UC और CC के साथ उन पट्टिकाओं की प्रमाणित तस्वीरें संलग्न की जाएं, जिनमें जनप्रतिनिधियों के नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हों। यह फोटोग्राफिक दस्तावेज परियोजना की प्रगति और सार्वजनिक धन के पारदर्शी उपयोग की जांच हेतु आवश्यक होगा।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि शहरी जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व और सहभागिता को सम्मानपूर्वक प्रदर्शित किया जाए। यह व्यवस्था प्रोटोकॉल के पालन के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों और सहभागिता आधारित शासन व्यवस्था को भी सुदृढ़ करती है।”
नगर विकास विभाग ने सभी निकायो से दिशा-निर्देशों को पूरी निष्ठा और भावना से लागू करने का आह्वान किया है, ताकि पूरे प्रदेश में विकास कार्यों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और लोकतांत्रिक गरिमा सुनिश्चित की जा सके।