UP Assembly Winter Session: यूपी का शीतकालीन सत्र: हंगामा-वार-पलटवार
ब्यूरो: UP Assembly Winter Session: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आगाज सोमवार को हंगामे के साथ हुआ। संभल हिंसा के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेसी सदस्यों ने सरकार पर तीखे वार किए जिसके पलटवार की कमान संभाली खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने। जिनके भाषण के तरकश में हर उस मुद्दे के शब्द तीर मौजूद रहे जो सुर्खियों में छाए हैं। सीएम योगी ने संभल हिंसा, संभल के मंदिर से लेकर जय श्रीराम के नारे, बाबरनामा, दंगे, जस्टिस शेखर यादव के बयान और विधानसभा उपचुनाव पर बेबाकी से अपनी बात कही। एक एक मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने विपक्ष की और खासतौर से कांग्रेस व समाजवादी पार्टी की जमकर घेराबंदी की।
विधानभवन में संभल मुद्दे की जबरदस्त गूंज सुनाई दी, सपा-कांग्रेस ने हंगामा किया
सोमवार की सुबह से ही यूपी विधान भवन के भीतर सदन से लेकर सड़क तक माहौल सरगर्म था। सदन में संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर सपा और कांग्रेस के विधायक अड़ गए हैं। विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय की तरफ से संभल हिंसा पर नियम 311 के तहत चर्चा की मांग उठाई गई। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अनुपूरक प्रश्नों को पूछने की मंजूरी देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष सही नियम के तहत चर्चा की बात करना चाहते हैं तो वह उन्हें बताएं। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 56 के तहत चर्चा की अनुमति देने को कहा, बावजूद इसके सपा विधायकों का हंगामा जारी रहा। जिसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी आरोपों के बाबत जवाब देने के लिए मोर्चा संभाला सीएम योगी आदित्यनाथ ने
शीतकालीन सत्र में सरकार का पक्ष रखते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनके शासनकाल में दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई। सीएम योगी ने विपक्षी सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 2017 से अब तक यूपी में दंगे नहीं हुए हैं, जबकि 2012 से 2017 (सपा के शासनकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे हुए जिनमें 192 लोगों की मौत हुई। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की जान गई। उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। सीएम ने कहा कि एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे गए।
संभल मुद्दे का जिक्र करके सीएम ने उत्पातियों पर सख्ती बरतने और सच सामने लाने का वायदा किया
संभल के मंदिर को लेकर आँदोलित विपक्षी खेमे से सीएम ने सवाल पूछा कि 1978 से वहां बंद पड़े मंदिर को क्यों नहीं खुलने दिया गया, 22 कुंए किसने बंद किए। उन्होंने पत्थरबाजी व माहौल खराब करने वालों न बख्शने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों की खिंचाई करते हुए कहा कि संभल में धार्मिक स्थल से बिजली के मिनी स्टेशन संचालित हो रहे हैं। वहां कई मस्जिद ऐसी पाई गईं, जहां अवैध सब स्टेशन बनाकर फ्री में कनेक्शन बांटे गए थे। प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन का लाइनलॉस 30 से कम है, लेकिन संभल के दीपासराय व मीरासराय मोहल्ले में लाइन लॉस 78 व 82 फीसदी है। यह देश के संसाधनों पर लूट है। सीएम योगी ने कहा कि संभल की घटना में ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है। इसके सदस्य बयान लेंगे, सबकी बात सुनेंगे और सच को सामने लेकर आएंगे।
सीएम ने दो टूक कहा कि भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की नहीं
सीएम योगी ने कहा कि संभल में तुर्क व पठान का विवाद चल रहा है। शफीकुर्रहमान बर्क खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर का संतान कहते थे। आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा को। भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी। सीएम योगी ने सवाल उठाया कि मोहर्रम या कोई भी मुस्लिम त्योहार का जुलूस हिंदू मोहल्ले से, मंदिर के सामने से सुरक्षित निकल जाता है तो कोई समस्या नहीं होती। समस्या वहीं पर क्यों खड़ी होती है, जब कोई हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के सामने या मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है। क्या भारत की धरती पर केसरिया झंडा नहीं लग सकता।
जय श्री राम के नारे, बंटेगे तो कटेंगे का जिक्र करते हुए सीएम ने विपक्ष को संविधान पढ़ने की नसीहत दी
सीएम योगी ने कहा कि जय श्री राम का नारा उत्तेजक नहीं है, ये हमारी श्रद्धा का नारा है। कल आपसे कहूं कि अल्लाह हो अकबर का स्लोगन हमें अच्छा नहीं लगता तो क्या आपको अच्छा लगेगा। सीएम योगी ने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि यदि आपने बाबरनामा पढ़ा होता तो ये बहस करते ही नहीं। आपकी तो राजनीति बांटने और कटवाने की रही है। इसीलिए हमने कहा है कि न बटेंगे और कटेंगे। सीएम ने विपक्ष से कहा कि बाबा साहब आंबेडकर के मूल संविधान की प्रस्तावना को पढ़ें और मौलिक अधिकारों को देखें। उसमे राम-कृष्ण, बजरंग बली और बुद्ध भी नजर आएंगे।
उपचुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए सीएम ने सपा पर तंज कसा
सपाई खेमे द्वारा उपचुनाव में धांधली के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम ने मजाकिया लहजे में कहा कि संभल में जैसे ही आपके खटाखट की असलियत सामने आई, जनता ने कहा सफाचट। उपचुनाव में 9 में से 7 पर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन जीता है। शिवपाल सिंह यादव का परोक्ष तौर से जिक्र करते हुए तंज कसते हुए कहा कि 'चच्चू' थोड़ी कृपा कर लिए, नहीं तो करहल व सीसामऊ भी सफाचट ही था। अगली बार यही होगा। कुंदरकी, कटेहरी, खैर, मझवा, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर की जीत भारत के संविधान की जीत है। कहा कि कुंदरकी में लोगों को अपनी जड़ें याद आने लग गई हैं। डिजिटल मीडिया में थोड़ा अवलोकन करिए और देखिए वहां पर लोग चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं, इन विदेशियों से पिंड छुड़ाना है।
उपराष्ट्रपति और जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ लाए गए नोटिस को लेकर विपक्ष को आड़े हाथ लिया
सीएम योगी ने कहा कि भारत अकेला देश है, जहां बहुसंख्यक समाज अपने लिए विशेष अधिकार की नहीं, बल्कि समान नागरिक कानून की मांग कर रहा है। सीएम ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ने समान नागरिक कानून के बयान की वकालत की तो विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग का नोटिस दे दिया, जो इनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है। सपा व कांग्रेस के लोग जस्टिस के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग की नोटिस देकर सच का मुंह जबर्दस्ती बंद करना चाहते हैं। राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस इसलिए दे दी गई, क्योंकि उन्होंने सदन के सकुशल संचालन के लिए सभी पक्षों से कहा। सभापति के रूप में उनकी यही जिम्मेदारी है, लेकिन किसान पुत्र कैसे इतनी बड़ी कुर्सी पर पहुंच गया, यह इन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया गया यानी यह लोग संवैधानिक संस्थाओं से गन पॉइंट पर अपनी बातों को मनवाना चाहते हैं।
पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में अहम विधेयकों के साथ ही अनुपूरक बजट होगा पारित
यूपी विधानसभा में तय कार्यक्रम के अनुसार अनुपूरक बजट मंगलवार को पेश किया जाएगा। 18 दिसंबर को इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. चर्चा के उपरांत सदन में इसे पारित किया जाएगा। इसके अगले दो दिन 19 और 20 दिसंबर को विभिन्न विधायी कार्य संपादित किए जाएंगे। जिनमें कानून और नीतियों पर चर्चा और विमर्श किया जाएगा। 20 दिसंबर को सदन की कार्यवाही संपन्न हो जाएगी। इस दौरान जहां विपक्षी खेमा तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा वहीं सत्ता पक्ष इन आरोपों को लेकर जवाब देगा साथ ही विधायी कार्य संपन्न कराने की कवायद करेगा।