गंगा नदी के किनारे पहली बार 'विन्ध्य गंगोत्सव कार्यक्रम' का आयोजन
मिर्ज़ापुर: विंध्याचल में गंगा नदी के तट पर पहली बार विन्ध्य गंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन देखने के लिए हजारों भक्तगण जुटते हुए दिखे। इस मौक़े पर मनमोहक आरती दीपदान और आतिशबाज़ी का नज़ारा देख भक्तगण मंत्रमुग्ध होते हुए नज़र आए। शायद इसी का नतीजा है कि भक्तगण ज़िला प्रशासन और प्रदेश सरकार को व्यवस्था के लिए धन्यवाद कहते हुए देखे गए।
आपको बता दें कि मिर्ज़ापुर के विंध्याचल में गंगा नदी के तट पर विराजमान आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में, प्रशासन ने नवरात्रि के मद्देनज़र ख़ास इंतज़ाम किए हैं। इसी कड़ी में गंगा नदी के तट पर होने वाली आरती को गंगोत्सव के रूप में मनाया गया, जिसमें ना सिर्फ मां गंगा की मनमोहक आरती की गई, बल्कि 1001 दीपों से दीपदान भी किया गया।
आतिशबाज़ी इस क़दर हुई कि सभी निहारते ही रह गए। गौरतलब है कि नवरात्रों में मां का आशीर्वाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से भक्तगण यहां पहुंचते हैं। बिहार से आई भक्त ने बताया कि पहली बार यहां पर इस तरह की व्यवस्थाएं देखी जा रही हैं, जिसमें संस्कृति और धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे लोग यहां के बारे में और जानेंगे। इस तरह के कार्यक्रम और व्यवस्था के लिए उन्होंने ज़िला प्रशासन के साथ-साख प्रदेश सरकार की भी जमकर सराहना की ।
ये भी पढ़ें:- विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दिखा हिंदुस्तानी बेटियों का दम
पूरे कार्यक्रम के दौरान जहां पुलिस अधीक्षक दल बल के साथ व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ख़्याल रखते हुए नज़र आए, तो वहीं ज़िलाधिकारी कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटी रही। उन्होंने बताया कि पहली बार गंगोत्सव का कार्यक्रम किया गया है, जिसमें ना सिर्फ़ आरती बल्कि 1001 दीपों से मां गंगा को दीपदान तथा आतिशबाज़ी का भी कार्यक्रम किया गया है।