यूपी में रौद्र रूप में आईं यमुना, खतरे के निशान के करीब, लोग भयभीत
ब्यूरो: लगातार पहाड़ों पर बारिश होने से नदियां उफान पर हैं. मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर भी लगातार चिंता बढ़ा रहा है.
मथुरा वृंदावन में लगातार बढ़ रहा यमुना का जलस्तर
मथुरा वृंदावन में लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण निचले इलाकों, कॉलोनियों और नोहझील इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाली मुख्य परिक्रमा मार्ग भी जलमग्न हो गया है. इसके अलावा नौझील इलाके के करीब एक दर्जन गांव को जोड़ने वाला रोड जलमग्न है. जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
बाढ़ के पानी से परिक्रमा हुआ बाधित
वहीं वृंदावन की पंचकोशी परिक्रमा में भी बाढ़ का पानी घुस आया है. जिसके चलते परिक्रमा बाधित हो गई है. परिक्रमा मार्ग में पानी आ जाने से श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर परिक्रमा लगा रहे हैं. इसके अलावा मथुरा वृंदावन की विभिन्न कॉलोनियों में यमुना का पानी भर गया है और निचली कॉलोनियों में भी बाढ़ का पानी आ गया है.
यूपी में रौद्र रूप में आईं यमुना!
लगातार बारिश के चलते गंगा और यमुना उफान पर हैं. जिसके कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड तोड़ बढ़ गया है. हालात भयावह हो गए हैं. मथुरा में यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. जिसकी वजह से आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा हैं.
जिला प्रशासन सतर्क
यमुना के बढ़ते जलस्तर की वजह से शनिवार को नौहझील क्षेत्र के छिनपाराई, दौलतपुर, बसाऊ,अड्डापिथौरा, अड्डाबरौठ, फिरोजपुर मंगलखोर सहित कई गांव में पानी घुस गया. जिससे यहां के हालात चिंताजनक बताए जा रहे हैं. बढ़े हुए जलस्तर की वजह से यहां के हालात खराब हो गए हैं. बाढ़ के हालात को देखते हुए बाढ़ कंट्रोल रूम और जिला प्रशासन 24 घंटे बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए हुए है.
फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा
लगातार पहाड़ों पर बारिश होने से गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. दोनों नदियों के जलस्तर बढ़ने से करीब दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गंगा किनारे बसे गांव लगातार पानी बढ़ने से भयभीत हैं. इसी के साथ ही किसानों की हजारों बीघा फसल गंगा में समा गई है.
लगातार पानी छोड़े जाने से ग्रामीणों और किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. शनिवार सुबह गंगा में नरौरा बांध से 202578 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं बिजनौर बांध से 164385 क्यूसेक, हरिद्वार बांध से 73827 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिसके चलते गंगा नदी का जलस्तर 136.75 पर पहुंच गया है. गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 15 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. वहीं रामगंगा में 22772 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. रामगंगा का जलस्तर 135.75 पर पहुंच गया है. गंगा नदी और रामगंगा का चेतावनी निशान 136.60 पर है. गंगा नदी और रामगंगा का खतरे का निशान 137.10 पर है.