ब्यूरो: UP News: युवाओं को रोजगार देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अग्निशमन विभाग के माध्यम से सरकार अब राज्य के दो लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करेगी और उन्हें निजी भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारी और कर्मचारी के रूप में काम करने का मौका देगी। फायर सेफ्टी के क्षेत्र में यह योजना उत्तर प्रदेश को देश में पहला राज्य बना देगी, जहां युवाओं को विशेष प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र में रोजगार का मौका दिया जाएगा।
अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी ने कार्ययोजना बनाने के आदेश दिए हैं। सुरक्षा गार्डों के संबंध में लिए गए निर्णय के समान अब मॉल, अस्पताल, मल्टीप्लेक्स, ऊंची इमारतों और बड़े औद्योगिक भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की आवश्यकता होगी। इच्छुक युवाओं को इसके लिए एक से चार सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग सफलतापूर्वक कार्यक्रम पूरा करने वाले युवाओं को एक प्रमाण पत्र प्रदान करेगा, जिससे उन्हें निजी प्रतिष्ठानों में काम करने की अनुमति मिल जाएगी।
निम्न मानकों के तहत होगी नियुक्ति
अग्नि सुरक्षा अधिकारी बनने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम अठारह वर्ष होनी चाहिए और उसे सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी करनी चाहिए।
अग्नि सुरक्षा कर्मचारी बनने के लिए किसी महिला या पुरुष को चार सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा करना होगा या दो साल के लिए अग्नि स्वयंसेवक के रूप में नामांकित होना होगा।
केंद्र सरकार के मॉडल फायर सर्विस बिल-2019 को उत्तर प्रदेश ने अपनाया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश अग्नि एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम-2022 को अधिनियमित किया गया। इसके तहत निजी भवनों में प्रशिक्षित अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, फायर मैनुअल-2024 को अमल में लाकर उत्तर प्रदेश ने देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है।
उन्नाव में प्रशिक्षण सुविधा की क्षमता 196 से बढ़ाकर 600 की जा रही है। इसके अलावा, पूरे राज्य में क्षेत्रीय प्रशिक्षण सुविधाएं स्थापित करने के प्रयास चल रहे हैं, ताकि व्यवसायों और संस्थानों में नियमित लोगों और कर्मचारियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।