योगी सरकार ने जनसुनवाई समाधान पोर्टल में किया बदलाव, अब शिकायत करना होगा और भी आसान
लखनऊ: योगी सरकार ने जन शिकायतों की सुनवाई और उनके निवारण के लिए जनसुनवाई समाधान (आईजीआरएस) पोर्टल को और प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब एक मोबाइल नंबर से एक माह में 10 शिकायत ही की जा सकेंगी। पोर्टल में परिवर्तन इस वजह से किया गया क्योंकि पहले लोग एक मोबाइल नंबर से 50 शिकायत कर सकते थे। इसमें कई शिकायतें गलत होती थी। इस नई व्यवस्था से शिकायतों का समय सीमा में निस्तारण तेजी हो सकेगा और गलत जानकारी देने पर भी अंकुश लगेगा। ये संशोधन कानपुर नगर, अयोध्या और पीलीभीत समेत अन्य जनपदों से प्राप्त फीडबैक और विचार विमर्श के बाद किए गए हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष इससे संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया है।
डीएम, कमिश्नर ऑफिस में निर्धारित होंगे फीडिंग के मंथली टारगेट
इसके साथ ही 10 मानकों के आधार पर प्रदेश के अधिकारियों की भी मासिक रैंकिंग की जाती है। उसमें भी कुछ अहम संशोधन किए हैं। इसके अंतर्गत मासिक मूल्यांकन प्रपत्र के मानक संख्या-01 में विगत 6 माह के मासिक औसत के सापेक्ष मासिक शिकायत प्राप्ति के प्रतिशत के आधार पर अंक दिए जाने की व्यवस्था को पूर्णतः हटा दिया गया है। यही नहीं, डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी ऑफिस में संदर्भ फीडिंग के लिए मासिक लक्ष्य पहले से घोषित रहेंगे। इसके साथ ही एल-1 अधिकारी द्वारा शिकायत को फ्लैग लगाकर स्पेशल क्लोज करने की प्रक्रिया में भी परिवर्तन हुआ है। अब एल-1 अधिकारी द्वारा निषेधित विषयों पर फ्लैग चयनित कर आख्या अपलोड करने पर यह अनुमोदन के लिए एल-2 अधिकारियों को प्राप्त होगी। डाटा के अनुसार पिछले 6 माह में करीब 6 लाख संदर्भों में एल-1 अधिकारियों द्वारा निषेधित विषयों के फ्लैग लगाए गए हैं।
रैंकिंग में प्रोफाइल सत्यापन का नया मानक
अधिकारियों की रैंकिंग में प्रोफाइल सत्यापन का नया मानक जोड़ा गया है। जनपद एवं अधीनस्थ स्तरों के अधिकारियों का प्रोफाइल विवरण डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी ऑफिस द्वारा प्रत्येक माह आवश्यक्तानुसार संशोधित या सत्यापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त रैंकिंग के लिए डिफॉल्ट संदर्भों के आगणन की प्रक्रिया में भी परिवर्तन हुआ है। वर्तमान व्यवस्था में माह की अंतिम तिथि को अवशेष डिफॉल्टर की संख्या के आधार पर डिफॉल्टर के मानक में अंक प्रदान किए जाते हैं। नवीन व्यवस्था में माह में किसी भी तिथि में डिफॉल्ट हुई शिकायत को डिफॉल्टर मानकर मूल्यांकन में गणना की जाएगी।