दिव्यांगजनों की समस्याओं का रिकॉर्ड समय में निस्तारण कर मिसाल कायम कर रही योगी सरकार

By  Mangala Tiwari May 31st 2025 04:06 PM -- Updated: May 31st 2025 04:08 PM

Lucknow: उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों को अब अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें त्वरित और प्रभावी समाधान मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) को और सशक्त करते हुए दिव्यांगजनों की समस्याओं का रिकॉर्ड समय में समाधान करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।


दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, ऑनलाइन पोर्टल, पीजीआई पोर्टल और मुख्यमंत्री संदर्भ जैसे माध्यमों से कुल 2,699 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2,660 का समाधान हो चुका है। केवल 39 शिकायतें ही शेष हैं, और विशेष रूप से कोई भी शिकायत डिफॉल्ट श्रेणी में नहीं है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार दिव्यांगजनों की समस्याओं के प्रति कितनी गंभीर और संवेदनशील है। चाहे पेंशन से संबंधित मुद्दे हों, प्रमाण पत्र की समस्याएं हों या अन्य सामाजिक सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें, सरकार का तंत्र तेजी से इनका निवारण कर रहा है।


शिकायतों का त्वरित समाधान:

मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत प्राप्त 212 शिकायतों में से 206 का निपटारा हो चुका है। इसी तरह, पीजी पोर्टल पर 404 में से 394, ऑनलाइन माध्यम से 233 में से 229 और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर 1,850 में से 1,831 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। यह राज्य प्रशासन की पारदर्शी, त्वरित और जनकल्याणकारी कार्यशैली को दर्शाता है।


IGRS: दिव्यांगजनों के लिए सशक्त मंच

राज्य सरकार द्वारा लागू IGRS प्रणाली न केवल आम लोगों, बल्कि विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए एक प्रभावी मंच बनकर उभरी है। इसके जरिए वे घर बैठे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, और समयबद्ध तरीके से उनका समाधान सुनिश्चित किया जाता है। तकनीक और मानवीय संवेदना का यह संगम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत को साकार करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दिव्यांगजनों की शिकायतों को प्राथमिकता दी जाए और उनका समाधान मानवीय दृष्टिकोण के साथ किया जाए। यही कारण है कि IGRS के माध्यम से न केवल शिकायतों का तेजी से निस्तारण हो रहा है, बल्कि समाधानों में मानवीय संवेदनशीलता भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

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