15 Jan, 2025

नागा साधु पहले कर देते हैं अपना पिंडदान, फिर कैसे होता है अंतिम संस्कार?

नागा साधुओं का जीवन काफी कठिन होता है। वे अपना घर, परिवार, सांसारिक जीवन सब कुछ त्याग कर देते हैं।


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नागा साधु बनने से पहले वे अपना पिंडदान भी कर देते हैं।


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लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब नागा साधु की मृत्यु होती है तो उनका अंतिम संस्कार कैसे होता है?


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हिंदू धर्म के मुताबिक, मृत्यु के बाद शरीर का दाह संस्कार किया जाता है।


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नागा साधु अपना पिंडदान पहले ही कर देते हैं, इसलिए मृत्यु के बाद उनके शरीर को जलाया नहीं जाता।


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नागा की चिता को आग नहीं दी जाती। मान्यता है कि उनके शरीर को अग्नि देने से दोष लगता है।


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नागा साधु को समाधि दी जाती है। उनमें दो तरह की समाधि होती है- जल और भू।


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अब प्रदूषण ज्यादा है, इसलिए नागा साधु के शरीर को सिद्ध योग मुद्रा में बैठाकर भू-समाधि दी जाती है।


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मान्यता है कि नागा साधु अपना तन और मन पहले भगवान को समर्पित कर चुके होते हैं।


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इसलिए मृत्यु के बाद भी वे उसी अवस्था में रहते हैं।


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