सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी की ज़मानत ज़ब्त, मीडिया से बचते दिखे राजभर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों रामपुर व खतौली और मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। खतौली विधानसभा सीट पर RLD-SP गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया ने BJP की राजकुमारी सैनी को 22 हज़ार से ज़्यादा मतों के अंतर से हराया है। वहीं मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव ने रघुराज सिंह को लाखों वोटों से हराकर एक तरह से ऐतिहासिक रिकॉर्ड क़ायम किया है।
हालांकि, सपा के दिग्गज नेता आज़म ख़ान के गढ़ रामपुर में बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने सपा के असीम रज़ा को 34 हज़ार से ज़्यादा मतों से हराया। इसी बीच रामपुर में सपा से ऐन वक़्त पर अलग हुए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का भी बुरा हाल रहा। इस बात को कहना ग़लत नहीं होगा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, ख़ासतौर पर ओम प्रकाश राजभर की सियासी मुश्किलों में इज़ाफा हो सकता है।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को रामपुर में मात्र 168 वोट ही मिल सके हैं, जिस पर रामपुर निवासी अजीबो-ग़रीब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, जिनका जवाब देना सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता या समर्थक के लिए आसान बिल्कुल भी नहीं है। रामपुर में ओमप्रकाश राजभर ने जयवीर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था।
वहीं मैनपुरी में ओपी राजभर की पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा ज़रूर था, लेकिन सुभासपा उम्मीदवार का टिकट खारिज हो गया था। पर्चा खारिज होने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कि हम किसी के साथ नहीं हैं, पर्चा खारिज होने के बाद हमारे लोग स्वतंत्र हैं, वह जहां चाहे जा सकते हैं।
इस पूरे राजनीतिक ड्रामा के बाद ओपी राजभर, अखिलेश यादव पर काफी हमलावर दिखे थे। यहां तक कि उपचुनाव के पहले राजभर ने अखिलेश यादव को अपरिपक्व राजनीतिज्ञ बताया था और कहा कि अखिलेश यादव की वजह से ही साल 2022 विधानसभा चुनावों में हमारा गठबंधन हार गया था।
-PTC NEWS