उत्तर प्रदेश में बीजेपी का दबदबा कायम, सहकारी समितियों के चुनाव में 80 प्रतिशत सीटों पर मारी बाजी
रविवार को भाजपा और समाजवादी पार्टी के नेताओं के आरोपों और खंडन के बीच उत्तर प्रदेश में 7000 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (PACS) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में लगभग 80% सीटों पर भाजपा की जीत के साथ संपन्न हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 80% सीटें जीतीं, जबकि समाजवादी पार्टी के नेताओं को कुछ क्षेत्रों में सफलता मिली। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से पत्थरबाजी, तलवारबाजी और गोलीबारी की खबरें सामने आईं। ऐसी ही एक घटना में कई लोग घायल हो गए, जिसकी सूचना भगवंतपुर साधन सहकारी समिति ने दी।
लखनऊ के 81 पैक्स में से केवल 76 में चुनाव हुए। इनमें से बीजेपी को 61 सीटें मिली। मेरठ में 84 PACC समितियां हैं उनमें से पांच संगठनों के चुनाव विभिन्न कारणों से स्थगित कर दिए गए। मेरठ डीसीसीबी के अध्यक्ष मनिंदर पाल के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने पीएसीसी के शेष आधे हिस्से में बहुमत हासिल किया, जहां बिना किसी विरोध के चुनाव हुए।
बदायूं में 132 पैक्स ने बिना किसी विरोध के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और निदेशकों के लिए अपना चुनाव कराया। चुनाव के तुरंत बाद PACC के निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी सफलता का जश्न मनाने के लिए पास के भाजपा पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए।
लखीमपुर खीरी में 132 पैक्स हैं, जिनमें से 2 सहकारी समितियों के चुनाव रद्द कर दिए गए हैं। इस जिले में 92 सोसायटियों ने बिना किसी विरोध के अपना चुनाव कराया, जबकि शेष सोसायटियों ने मतदान किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जिले की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
बांदा में अधिकांश पैक्स में सर्वसम्मति से चुनाव हुए और बहुत कम लोग मतदान में शामिल हुए। ज्यादातर सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश द्विवेदी के अनुसार, चुनाव बिना किसी समस्या या गड़बड़ी के हुए थे।
रविवार को 7148 सहकारी समितियों में से 7 हजार समितियों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ। इनमें से 6200 से अधिक समितियों में भाजपा प्रत्याशी जीते। वहीं 500 से ज्यादा समितियों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की है।