संजय निषाद के शरणार्थी हुए सुभासपा के कई पदाधिकारी, कहा - राजभर राह भटक गए
शनिवार को ओमप्रकाश राजभर को उस वक्त झटका लगा जब उनके करीबी उनका साथ छोड़कर निषाद पार्टी का दामन थाम लिया। शनिवार को निषाद पार्टी सुप्रीमो डॉ संजय निषाद की मौजूदगी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रमाकांत कश्यप, प्रदेश उपाध्यक्ष सीपी निषाद प्रदेश महासचिव विवेक शर्मा समेत कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने निषाद पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
मौके पर निषाद पार्टी सुप्रीमों ने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर पर पार्टी की नीति और सिद्धान्तों से भटक गए हैं, निषाद ने कहा की एक निजी यूट्यूब चैनल पर ओमप्रकाश राजभर के सुपुत्र अरुण राजभर द्वारा कश्यप समाज को भिखमंगा कहकर बार बार संबोधन से कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद समेत अन्य सभी जातियां आहत हुई हैं।
सुभासपा के पदाधिकारियों ने बताया कि बीते कई दिनों से लगातार सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से देश की महान विभूतियों पर की जा रही टिप्पणी को रोकने और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने सामाजिक समरसता तो दूर की बात है हमारे समाज में जन्मे ऋषि मुनियों को गाली देने की परम्परा शुरू कर दी है।
रमाकांत कश्यप ने कहा कि राजभर को समझना होगा की महार्षि कश्यप एक वैदिक ऋषि थे, और सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हैं महर्षि कश्यप, और हम उनके वंशज होने के नाते हम अपने कुल का अपमान और अपमानित करने वालो के साथ एक पल साथ भी नही रह सकते जिसके चलते हम सब आज सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं।