मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में लगभग 178 सूचीबद्ध अपराधी मुठभेड़ के दौरान मारे गए, जिनमें से अधिकांश की गिरफ्तारी पर 75,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का नकद इनाम था। यूपी पुलिस के मुताबिक पिछले छह सालों में राज्य में कम से कम हर 13वें दिन एक सूचीबद्ध अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
पुलिस ने 20 मार्च 2017 से 6 मार्च 2023 के बीच मुठभेड़ों के बाद 23,069 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 4,911 घायल हुए थे। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि मुठभेड़ में 15 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भी अपनी जान गंवाई, जबकि अन्य 1,424 को गोली लगी।
अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यूपी पुलिस द्वारा 2017 से अपराधियों, गिरोह के सरगनाओं और माफियाओं को निशाना बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। न केवल स्पेशल टास्क फोर्स बल्कि कमिश्नरेट और जिलों की पुलिस इसके खिलाफ अभियान चला रही है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा वाराणसी जोन में 19 अपराधी मारे गए, जबकि मेरठ जोन से सबसे ज्यादा 5,987 अपराधियों की गिरफ्तारियां हुई। यूपी पुलिस ने जानबूझकर पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले सभी माफियाओं और अपराधियों को करारा जवाब दिया है।
दो अपराधियों पर पांच-पांच लाख रुपये, चार पर ढाई-ढाई लाख रुपये, दो पर दो-दो लाख रुपये और 28 पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था जबकि अन्य कई अपराधी पर 75,000 रुपये का इनाम था।
यूपी पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक 2017 में 28, 2018 में 41, 2019 में 34, 2020 और 2021 में 26-26, जबकि 2022 में 14 अपराधियों का सफाया किया गया। इस साल पुलिस मुठभेड़ में नौ का सफाया हो चुका है।