बीएसपी MP की ज़मानत अर्ज़ी नामंज़ूर, गैंगस्टर एक्ट में सलाखों के पीछे है सांसद
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के घोसी से बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद और बाहुबली गैंगस्टर अतुल राय को बड़ा झटका लगा है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म व धोखाधड़ी के आरोप में उसकी ज़मानत को नामंज़ूर कर दिया है, जिसके बाद से सांसद और बाहुबली अतुल राय की रात-दिन की नींद हराम हो गई हैं और नींद ग़ायब हो गई हैं।
आपको बता दें कि वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय के ख़िलाफ़ आपराधिक केस दर्ज है। कोर्ट ने दलील रखते हुए है कि जब भी उसे पहले ज़मानत मिली, मुलज़िम गंभीर अपराधों में लिप्त पाया गया, जो कि गैंगस्टर एक्ट की धारा 19(4) की शर्तों का सीधे-सीधे उल्लघंन है।
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यही नहीं, कोर्ट ने ये भी माना है कि अतुल राय के अपराधों की फेहरिस्त काफी लंबी है, ऐसे में उसको ज़मानत किसी भी ख़तरे से खाली नहीं है।
कुल-मिलाकर कोर्ट ने 2 नवंबर 2021 से जेल में बंद अतुल राय की ज़मानत अर्ज़ी जब से ख़ारिज की है, जेल में बंद दूसरे अपराधी भी सकते में हैं कि कहीं उनकी ज़मानत अर्ज़ी भी ख़ारिज़ ना हो जाए।गौरतलब है कि अतुल राय के ख़िलाफ़ वाराणसी लंका थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज है।अतुल राय के ख़िलाफ़ कुल-मिलाकर 24 केसों का इतिहास है, जिसमें से 12 अभी भी लंबित है, कुछ में वो बरी हो चुका है।
अदालत ने ज़ोर देते हुए कहा कि अगर ऐसे अपराधियों को गैंगस्टर नहीं मानेंगे तो फिर किसे माना जाएगा। बहस के दौरान अदालत में मौजूद सरकारी वकील ने कहा कि ये मुमकिन है कि अपराधी जेल से बाहर आने के बाद गवाहों को धमका सकता है।
यही वजह है कि जस्टिस डी के सिंह कि सिंगल बेंच ने सख़्त लहजा अपनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अपराधी राजनीति में आकर क़ानून बनाने वाले बन रहे हैं, जो न केवल चुनावी राजनीति को दूषित कर रहे हैं, बल्कि ऐसे लोग गणतंत्र के लिए भी गंभीर ख़तरा बनते जा रहे हैं।