दिल्ली से सटे इस जगह के लोग रावण को दुष्ट नहीं, एक ज्ञानी के रूप में देखते हैं, आखिर क्यों?
Bisrakh Tradition Viewing Ravana: आज पूरे भारत में धूमधाम से दशहरा मनाया जा रहा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस पर्व का मुख्य आकर्षण रावण का दहन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण का जन्म भारत में हुआ था?
रावण का जन्मस्थल: बिसरख
यूपी के ग्रेटर नोएडा स्थित बिसरख गांव को रावण का जन्मस्थल माना जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि रावण का जन्म इसी गांव में हुआ था, और यही उसका बचपन गुजरा। आश्चर्य की बात ये है कि इस गांव में रावण का दहन नहीं किया जाता। लोग मानते हैं कि ऐसा करने से रावण का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसके बजाय, वे रावण की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
रामायण की गाथा
रामायण में रावण के पिता का नाम विश्रवा और माता का नाम कैकसी बताया गया है। विश्रवा एक महान ऋषि थे, जबकि कैकसी एक राक्षस की पुत्री। सामान्यतः माना जाता है कि रावण लंका में पैदा हुआ, लेकिन बिसरख के लोग इस परंपरा को चुनौती देते हैं। उनका दावा है कि रावण का जन्म और पालन-पोषण यहां हुआ था, और यही वजह है कि गांव का नाम भी उनके पिता के नाम पर रखा गया है।
रावण की विरासत
बिसरख के निवासी रावण को एक ज्ञानी और भगवान शिव के महान भक्त के रूप में देखते हैं। यहां के लोग रावण को अपने बेटे के समान मानते हैं। दशहरे पर रावण का दहन न करने का एक कारण ये है कि गांव में जब भी रामलीला का मंचन किया गया, उसके बाद गांव पर विपत्तियों का साया पड़ता है। इस प्रकार, रावण को बुराई का प्रतीक मानने की बजाय, वे उसे एक महान व्यक्तित्व के रूप में सम्मानित करते हैं।
इस गांव में रावण की पूजा का विशेष महत्व है। गांव वाले हर साल दशहरे पर रावण का दहन नहीं करते, बल्कि उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन और पूजा करते हैं। यह परंपरा न केवल रावण की स्मृति को जीवित रखती है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर को भी बनाए रखती है।