नए साल के स्वागत के लिए धर्मनगरी काशी सहित कई धार्मिक स्थलों पर भीड़
नए साल (2026) के स्वागत के लिए धर्मनगरी काशी वाराणसी और अयोध्या पूरी तरह तैयार हैं। जानकारी के अनुमान 1 जनवरी को इन दोनों शहरों में करीब 10 से 15 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे। भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने 3 किलोमीटर लंबी बैरिकेडिंग और सुरक्षा का 'चक्रव्यूह' तैयार किया है।
काशी विश्वनाथ धाम: गोदौलिया से मंदिर तक सुरक्षा कवच
वाराणसी में नए साल पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए गोदौलिया से मैदागिन और दशाश्वमेध घाट तक अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।
वहीं इस दौरान श्रद्धालुओं की कतारों को व्यवस्थित करने के लिए गोदौलिया चौराहे से लेकर मंदिर के प्रवेश द्वार तक लगभग 3 किलोमीटर लंबी ज़िग-ज़ैग बैरिकेडिंग की गई है। इससे भीड़ का दबाव एक जगह नहीं बढ़ेगा।
साथ ही इस दौरान 31 दिसंबर की शाम से ही गोदौलिया-मैदागिन मार्ग को पूरी तरह से 'नो व्हीकल ज़ोन' घोषित कर दिया गया है। मैदागिन और टाउन हॉल के पास बड़े होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहाँ दर्शनार्थियों को रुक-रुक कर आगे भेजा जाएगा।
अयोध्या: राम पथ और धर्म पथ पर सख्त पहरा
राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में यह दूसरा बड़ा नया साल है। राम लला के दर्शन के लिए यहाँ रिकॉर्ड भीड़ जुटने की उम्मीद है। मुख्य मार्ग 'राम पथ' पर 2 किलोमीटर से अधिक लंबी बैरिकेडिंग लगाई गई है ताकि लोग सीधे सड़क पर न आएं।वहीं भीड़ को देखते हुए राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। आरती के समय भी श्रद्धालुओं के प्रवाह को नियंत्रित रखा जाएगा। जिसको लेकर अयोध्या को 5 सेक्टरों में बांटा गया है। मंदिर परिसर की सुरक्षा में ATS और CRPF के साथ स्थानीय पुलिस की 10 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।
प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है
काशी के घाटों और अयोध्या के सरयू तट पर 24 घंटे ड्रोन से निगरानी की जाएगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे हजारों कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
जो श्रद्धालु कतार में दूर खड़े होंगे, उनके लिए जगह-जगह बड़ी LED स्क्रीन लगाई गई हैं, ताकि वे लाइव दर्शन कर सकें।
भारी भीड़ में बिछड़ने वालों की मदद के लिए 'पब्लिक एड्रेस सिस्टम' और सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं।