मशहूर शायर मुनव्वर राना का लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन, कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत
लखनऊ: जय कृष्ण : मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार देर रात कार्डिक अरेस्ट होने से लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राणा ने मौत की पुष्टि की है। सुमैया ने बताया कि पिछले दिनों उनकी तबीयत खराब होने के बाद उनको पीजीआई के आईसीयू वॉर्ड में शिफ्ट किया गया था। इससे पहले वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थी। मुनव्वर राना का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक जिले रायबरेली में किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, मुन्नवर राना के सीटी स्कैन में गॉल ब्लैडर में इन्फेक्शन मिला था। इसकी सर्जरी भी हुई थी लेकिन सर्जरी के बाद भी समस्या बनी रही। उसके बाद वह काफी समय वेंटिलेटर पर रहे। वह बीपी, शुगर और क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे। रविवार देर रात कार्डियक अरेस्ट होने से उनकी मौत हो गई। अब उनके परिवार में तीन बेटियां, पत्नी और एक बेटा है।
26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जन्मे शायर मुन्नवर राना के परिवार के अखिकांश लोग विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनके पिता ने भारत में रहने का फैसला किया था। बाद में उनका परिवार कोलकाता चला गया, जहां मुनव्वर ने अपनी शिक्षा पूरी की। बीते कुछ सालों से मुनव्वर राना लखनऊ में रह रहे थे।
अक्सर विवादों में रहे मुनव्वर
जब सुबह से तैयार बैठे मुनव्वर राना वोट नहीं डाल पाए
विधानसभा चुनाव 2023 में मुनव्वर राना का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो गया था। इसके चलते वह वोट नहीं डाल पाए थे। मुनव्वर ने कहा था कि मेरा वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। इसलिए मैं वोट डालने नहीं जा पाऊंगा। वह लखनऊ के कैंट विधानसभा के वोटर थे।
सीएम योगी को लेकर क्या बोले.?
2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान मुनव्वर राना ने कहा था, कि अगर योगी सीएम दोबारा मुख्यमंत्री बने तो मैं पलायन कर जाऊंगा। लेकिन नतीजे आने के बाद मुनव्वर राना का यह बयान खूब वायरल हुआ था। कैराना का जिक्र करते हुए मुनव्वर ने कहा था, 'पलायन की बात होती है, लेकिन हजारों मुसलमानों ने पलायन किया उसकी कोई बात नहीं होती, कहीं चर्चा नहीं होती। मुसलमानों ने अपने घरों में छुरी रखना भी बंद कर दिया है, क्योंकि पता नहीं कब योगी जेल में बंद करवा दें।
साल 2014 में अवार्ड मिला 2015 में लौटा दिया
मुनव्वर को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। हालांकि, साल 2015 में असहिष्णुता बढ़ने के नाम पर अवॉर्ड वापस कर दिया था। वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए।
एक बेटी सपा तो दूसरी कांग्रेस में
CAA-NRC प्रोटेस्ट के दौरान मुनव्वर की बेटियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। मुनव्वर राणा की 3 बेटियां हैं- सुमैया, फौजिया और उरुसा। सुमैया और उरुसा राणा कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। हालांकि सुमैया बाद में कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गई थीं तो उरुसा राणा कांग्रेस में हैं ।
राम मंदिर पर क्या बोले थे मुनव्वर
राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठा दिया था। उन्होंने कहा था कि यह फैसला है, न्याय नहीं...! वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए।
मुनव्वर राना ने यूं तो हिंदी और उर्दू में कई शायरियां लिखी, लेकिन मां के लिए सबसे ज्यादा शायरी लिखने का खिताब मुनव्वर राना के नाम है। उनकी लिखी शायरियों ने देश विदेश में भी महफिल लूट ली। मुनव्वर राना की अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें माँ, ग़ज़ल गाँव, पीपल छाँव, बदन सराय, नीम के फूल और बिना नक्शे का मकान प्रमुख है। राना को अब तक अमीर ख़ुसरो, कबीर सम्मान, शहूद आलम आफकुई अवार्ड, भारती परिषद पुरस्कार समेत बीस से अधिक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
मां पर लिखी हुई मुनव्वर राना की कुछ पंक्तियां
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं
मां से इस तरह से लिपट जाऊं की बच्चा हो जाऊं
वह कबूतर क्या उड़ा छप्पर अकेला हो गया
मां के आंखे मूंदते ही मैं अकेला हो गया
अभी जिंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ, दुआ भी साथ चलती है।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई,
मैं घर में सब से छोटा था, मिरे हिस्से में माँ आई।
छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको,
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है।