‘संपूर्ण समाधान दिवस’ पर किसान ने तहसील में नस काटकर की आत्महत्या

By  Mohd. Zuber Khan April 2nd 2023 07:31 AM

ग़ाज़ियाबाद: दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद के मोदीनगर में ‘समाधान दिवस’ के दौरान एक किसान की समस्या का समाधान ना होने पर, उस किसान ने अपनी कलाई काट ली और किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई।

जैसे ही ये ख़बर सामने आई, लोगों के पैरों तले से ज़मीन निकल गई और पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक़ मृतक किसान कई बार तहसील में ‘समाधान दिवस’ में जा-जा कर अपनी अर्ज़ी लगा चुका था, लेकिन उनकी परेशानी का कोई भी हल नहीं निकल पा रहा था। प्रशासन की तरफ़ से कोई भी उचित कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज़ बुज़ुर्ग किसान ने आख़िरकार आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

यानी इस बात को कहना ग़लत नहीं होगा कि ग़ाज़ियाबाद की मोदीनगर तहसील का भ्रष्ट सिस्टम कहीं ना कहीं इस बुज़ुर्ग किसान की जान जाने का ज़िम्मेदार है।

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के बकौल ग़ाज़ियाबाद के मोदीनगर में ‘संपूर्ण समाधान दिवस’ के दौरान सुशील कुमार नामक किसान अपनी फरियाद लेकर संपूर्ण समाधान दिवस में उप ज़िलाधिकारी के सामने पहुंचा था, जहां उस ने उप ज़िलाधिकारी को बताया कि उसकी भूमि पर कुछ लोगों ने क़ब्ज़ा कर लिया है, जिसकी वजह से उसकी कृषि भूमि कम हो गई है।

मृतक किसान ने गुहार लगाते हुए कहा कि लेखपाल को मौक़े पर भेज कर उसकी ज़मीन की नपाई कराई जाए, लेकिन उसकी समस्या का समाधान ना होने पर किसान को ये बात नागवार ग़ुज़री और उसने अपने हाथ की कलाई काट ली, जिसके बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने किसान को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज के दौरान बुज़ुर्ग किसान की मौत हो गई।

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मृतक किसान सुशील ने मरने से पहले बताया कि वह काफी समय से तहसील परिसर के चक्कर लगा रहा है, लेकिन लेखपाल राजन प्रियदर्शी ने आर्थिक लाभ के चलते बार-बार ग़लत रिपोर्ट लगाकर भेजी थी, जिसकी वजह से उसे न्याय नहीं मिल पा रहा था। मृतक सुशील कुमार, इंद्रा कॉलोनी मुज़फ्फरनगर का रहने वाला है और उसने मुरादनगर के डिंडोली ग्राम में कृषि भूमि ली हुई है।

अब सवाल उठता है कि इन बेलगाम पटवारियों की मनमानी की वजह से न जाने कितने ही किसानों को इंसाफ़ के लिए अपनी जान देकर क़ीमत चुकानी होगी। क्या शासन-प्रशासन को ऐसे भ्रष्टाचारी पटवारियों पर कठोर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, ताकि एक नज़ीर पेश की जा सके और बाक़ी के सरकारी कर्मचारी सबक़ ले सकें और न्याय के लिए आने वाले समय में इस तरह से, किसी को भी अपनी जान न देनी पड़े।

इस शोचनीय और दयनीय घटना को लेकर किसानों में रोष का माहौल है और भ्रष्ट पटवारी पर कार्रवाई की पुरज़ोर वकालत कर रहे हैं। यही नहीं, अगर प्रशासन ने जल्द से जल्द सख़्त क़ानूनी कार्रवाई नहीं की तो एक बड़े आंदोलन के लिए किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दे दी है।

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