IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी 60 दिन बाद गिरफ्तार, गन पॉइंट पर किया था छात्रा से रेप
वाराणसी/ लखनऊ/ जय कृष्णः उत्तर प्रदेश के IIT-BHU कैम्पस में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपियों को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान बृज एन्क्लेव कॉलोनी सुंदरपुर के कुणाल पांडेय, जिवधीपुर बजरडीहा के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और बजरडीहा के सक्षम पटेल के रूप में हुई है। कुणाल पांडेय, BJP IT सेल वाराणसी का महानगर संयोजक, सक्षम पटेल आईटी सेल का वाराणसी महानगर सह संयोजक, जबकि आनंद चौहान बीजेपी के आईटी सेल का जनसंयोजक और कार्यसमिति का सदस्य है। वारदात में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद कर ली है।
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1 नवंबर की आधी रात को हुई थी घटना
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों ने 1 नवंबर की आधी रात करीब 1.30 बजे IIT-BHU में दोस्त के साथ जा रही छात्रा से गैंगरेप किया था। इतना ही नहीं, गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाकर वीडियो भी बनाए थे। इस घटना के बाद कई दिन तक कैंपस में स्टूडेंट्स ने विरोध-प्रदर्शन किया था। पुलिस ने शनिवार (30 दिसंबर) को देर रात चेकिंग के दौरान तीनों आरोपियों को बाइक के साथ पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
भाजपा से जुड़े हुए हैं आरोपी
गिरफ्तार लिए गए तीनों आरोपी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। तीनों आरोपियों की फोटो सोशल मीडिया में बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ वायरल हो रही है। आरोपी कुणाल पांडेय बीजेपी आईटी सेल का वाराणसी महानगर संयोजक है। उसकी फोटो नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ, ब्रजेश पाठक समेत कई बीजेपी नेताओं के साथ वायरल हो रही है। वहीं इस घटना का दूसरा आरोपी सक्षम पटेल है। सक्षम पटेल बीजेपी के आईटी सेल का वाराणसी महानगर सह संयोजक है। सक्षम की फोटो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह समेत कई बीजेपी के नेताओं के साथ वायरल है। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुड़ा हुआ है। घटना का तीसरा आरोपी आनंद चौहान बीजेपी के आईटी सेल की कार्यसमिति का सदस्य है। सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर उसकी प्रोफाइल फोटो सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लगी हुई है।
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पीड़ित ने की ये शिकायत
पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था, 'मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया।
पीड़िता ने कहा था कि '"मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था।"
BHU कैंपस में 11 घंटे तक चला था प्रदर्शन
वारदात के बाद 2 नवंबर की सुबह छात्रा ने लंका थाने में शिकायती आवेदन दिया था। जैसे ही छात्रों को घटना के बारे में पता चला, करीब 2500 छात्रों ने राजपूताना हॉस्टल के सामने प्रोटेस्ट किया। इसके बाद विरोध की हवा पूरे कैंपस में फैल गई थी। देखते ही देखते भारी संख्या में छात्र विरोध में शामिल हो गए थे। स्टूडेंट्स ने विरोध करते हुए पूरा कैंपस बंद करा दिया था। क्लास और लैब में रिसर्च का काम भी बंद कर दिया गया था। पूरे कैंपस में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी।
11 घंटे छात्रों का धरना चला था। इसके बाद पुलिस और IIT-BHU के डायरेक्टर ने छात्रों के साथ बैठक की थी। उन्हें भरोसा दिया था कि 7 दिन में सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे। ऐसी सजा मिलेगी कि उनकी सातों पुश्तें याद रखेंगी। इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन खत्म किया था। प्रशासन ने IIT-BHU और BHU के बीच दीवार बनाने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में दीवार बनाने के फैसले को वापस ले लिया था।
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PMO ने पूरे केस की रिपोर्ट मांगी थी
पूरे मामले में प्रधानमंत्री ऑफिस यानी PMO ने पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन से रिपोर्ट मांगी थी, जबकि पुलिस कमिश्नर ने SHO लंका अश्विनी पांडेय को लाइन अटैच कर दिया था। CM योगी ने भी कमिश्नर कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर से फोन पर बात की थी। उन्हें IIT प्रशासन के साथ बात कर छात्र-छात्राओं के लिए कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा था।
- 1 नवंबर: आधी रात बाद करीब 1.30 बजे IIT-BHU में साथी के साथ जा रही छात्रा से छेड़छाड़। बुलेट से आए तीन लड़कों ने गन प्वाइंट पर छात्रा के कपड़े उतारकर वीडियो बनाए।
- 2 नवंबर: मामले में FIR हुई। इसके बाद कैंपस में भारी विरोध-प्रदर्शन हुआ। आश्वासन के बाद 11 घंटे प्रदर्शन चला। लंका थाने के SHO को लाइन हाजिर किया।
- 3 नवंबर: BHU में छेड़छाड़ और कैंपस बंटवारे यानी IIT-BHU के बीच दीवार खड़ी करने पर बहस छिड़ी।
- 4 नवंबर: IIT-BHU में छेड़छाड़ का दूसरा मामला सामने आया। एक छात्र प्रणव ने बताया कि 31 अक्टूबर की रात उसी जगह पर छेड़छाड़ हुई थी। हालांकि छात्रा ने शिकायत नहीं की थी।
- 5 नवंबर: BHU और IIT-BHU के साथ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई। BHU के कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने दीवार बनाने वाले प्रस्ताव का विरोध किया। कहा कि दीवार बनाकर विवाद नहीं करना है।
- 6 नवंबर: BHU सिंह द्वार पर छेड़छाड़ और दीवार का मुद्दा अचानक मारपीट में बदल गया। छात्र संगठन ABVP और AISA-BCM के बीच जमकर मारपीट हुई। कई स्टूडेंट्स घायल हुए।
- 7 नवंबर: IIT-BHU के स्टूडेंट पार्लियामेंट ने कहा कि पुलिस पीड़ित के बयान को बदलवा रही है। दबाव बना रही है। जांच में भी ढिलाई बरत रही है। पीड़ित का पुलिस ने स्टेटमेंट लिया।
- 8 नवंबर: पीड़ित की मजिस्ट्रेट के सामने पेशी हुई। बयान दर्ज किए गए। धारा बढ़ाकर गैंगरेप यानी 376(डी) जोड़ी गई। IIT-BHU के डायरेक्टर ऑफिस के बाहर छात्रों ने धरना दिया। क्लासेज रोक दी गईं। 6 हजार छात्रों ने जस्टिस रैली निकाली।
- 31 दिसंबर: तीनों आरोपी पकड़े गए। जिस बाइक से आए थे, वह बाइक भी बरामद कर ली गई है।
यूनिवर्सिटी छात्रा के साथ हुई घटना के बाद प्रदर्शन पर बैठे BHU छात्रों को समझाने के लिए पुलिस अधिकारी कैंपस में पहुंचे थे। यूनिवर्सिटी छात्रा के साथ हुई घटना के बाद प्रदर्शन पर बैठे BHU छात्रों को समझाने के लिए पुलिस अधिकारी कैंपस में पहुंचे थे।